Tuesday, April 28, 2020

Nari Shakti Essay In Hindi For All Students (नारी शक्ति निबंध)

Nari Shakti Essay In Hindi Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use Essay On Nari Shakti In Hindi in their examination and speech. नारी शक्ति पर निबंध are included for children.

Nari Shakti Essay In Hindi - नारी शक्ति निबंध


        Nari Shakti Essay In Hindi हमारे भारत में नारी को देवी माना जाता है। नारी का सदा सम्मान होना चाहिए। हम इस शब्द से वाकिफ ही होंगे जो हमें आम तोर पर कही न कही पर अवश्य सुनने को मिलता है ' महिला सशक्तिकरण ' सशक्तिकरण का अर्थ ये है की  व्यक्ति अपने जीवन के फैसले खुद करे सभी चीजों के निर्णय स्वयं ले। इस निबंध का तात्पर्य यही है की एक नारी भी उसके जीवन के सभी फैसले खुद ले और अपने बल से जिंदगी में आगे बढे। हर एक स्त्री को सामाजिक कुरीतियों का सामना भी करना पड़ता हैं। नारी नारी एक साक्षात देवी  रूप है किन्तु आजके दौर में आजमी  एक स्त्री को भोग की वस्तु समझकर  अपने हसाब से इस्तेमाल करता है।  

नारी शक्ति पर निबंध

Essay On Nari Shakti In Hindi
Nari Shakti Essay In Hindi


      नारी यानि की स्त्री का का सबसे पवित्र रूप माँ के रूप में देखा जाता है। आज के दौर में नारी किसी भी पुरुष से कम नहीं। नारी अपने प्रति जो भी कर्तव्य है उनको अच्छी तरह से निभाती है और अपने परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। आजके दौर में एक स्त्री अपने व्यक्तिव से बहोत ही प्यार करती है उसके व्यक्तिव्य पर वो कभी आंच भी नहीं आने देती है।(नारी शक्ति निबंध) स्त्री किसी भी चुनौती का सामना दृढ़ कर कर सकती है। नारी समाज का एक महत्व्पूर्ण अंग है जिसके बिना इस समाज की कोई कल्पना भी नही की जा सकती है। नारी एक अंदर बहोत सारी सहनशीलता ,धैर्य ,प्रेम और ममता का भाव होता है और इन सभी भाव एक स्त्री में ही देखने को मिलते है ये सभी जो उसमे गुण है वो उसकी असली शक्ति है। 

     हमारे देश में कही ऐसी नारिया है जिन्होंने अपनी शक्ति से अपना नाम बढ़ाया है और ये सब हमारे समाज में एक उत्तम उदहारण है की स्त्री अबला नहीं सबला है। प्रचीनकाल में हमारे देश और समाज में रानी लक्मी बाई ,झांसी की रानी ,कल्पना चावला ,इंदिरा गाँधी इन सभी स्त्रीने समाज को बताया है की नारी अशक्त नहीं है वो भी पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती है। पूरी दुनिया में नारी सबसे शक्तिशाली मानी गई है। नारी से शक्तिशाली इस दुनिया में कोई नहीं। Nari Shakti Essay In Hindi

     शक्ति के बिना शिव भी अधूरे है। जब शक्ति शिव के साथ न हो तो शिव भी शव की तरह शून्य है।जब शिव के साथ शक्ति हो तो वो भी मिलकर शिवशक्ति हो जाते है। Essay On Nari Shakti In Hindi हर एक स्त्री शक्ति है और हर एक पुरुष शिव है। नारी एक वृक्ष की तरह है जो कोई भी परिस्थिति में तटस्थ खड़ा रहता है और पथिक को अपनी मीठी छाया देता है। हर एक नारी की कहानी होती है हर एक नारी में शहनशीलता ,धैर्य और कोमलता को पुरुष उसकी निर्बलता समाज लेता है और इस बात परसे स्त्री को अबला कहा गया बल्कि स्त्री अबला नहीं है बल्कि वो एक सबला है।

     स्वामी विवेकानंद जी भी कहते है की आज के इस युग में एक नारी किसी भी पुरुष से कम नहीं है। वो गर का सारा काम तो करती ही है परतु उसके साथ साथ वो अपने परिवार का भी ख्याल रखती है सबको टाइम पर खाना देना ,देखभाल करना ,बच्चो के अभ्यास में मदद करना उनकी जिद्द पूरी करना ,सबका मान सम्मान करना वगेरे काम एक स्त्री अकेली करती है। (नारी शक्ति निबंध) आज के समय  में एक स्त्री पुरुष  बराबरी में है आज स्त्री एक  गृहिणी तो है पर उसके साथ साथ वो पढ़ती लिखती है और अपने सपने भी पुरे करती है आपको सभी  कार्यालयों में स्त्री ज्यादातर देखने को मिलती है जैसे की स्कूलों में टीचर ,राजनीती ,कानून सभी जगहों पर उत्तिम स्तर पर महिलाये देखने को मिलती है। Essay On Nari Shakti In Hindi

      स्त्री एक रचनात्मक शक्ति है। हर मनुष्य का जीवन स्त्री के गर्भ में से ही शुरू होता है चाहे वो कोई राजा हो या रंक। हमरी परवरिस एक माँ यानि की स्त्री ही करती है। वह अपने कोमल हाथो से हमें खाना खिलाती है प्यार देती है इस दुनियामे आने की सही वजह सिखाती है। हमें मार्गदर्शन देती है कोई गलती करो तो डांट भी देती है क्युकी हम कभी दुबारा ऐसा गलत काम न करे और हंमेशा सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चले। हमारा ये अमूल्य जीवन एक नारी की देंन है। इस दुनिया में केवल एक माँ ही है जो हमें बिना कोई स्वार्थ के प्रेम देती है और देखभाल करती है। अब दुनिया की कोई दवा काम नहीं आती है तब माँ की ममता काम आती है क्युकी माँ की ममता से बुरे से बुरे कोई भी रोग हार जाते है. Nari Shakti Essay In Hindi

      जैसे मेने पहले भी कहा की हमें ये सब्द कही न कहि सुनने को मिलता है  ' ' महिला सशक्तिकरण ' तो इसके बारे में हम बात करेंगे। महिला शक्तिकरण को हम बहोत आम भाषा में या आम सब्द में परिभाषित किया जा सकता है जो बोलने पर ही पता चलता है ' सशक्तिकरण ' यानि की स्वयं के लिए शक्तिशाली बनना। माहिला सशक्तिकरण हमारे सरकार द्वारा आयोजित किया अभियान है की जिससे महिलाये शक्तिशाली बनती है,हर समस्या का डट कर सामना कर सकती है। इस अभियान द्वारा स्त्रीओ को सभी प्रकार की मदद मिलती है और महिलाये अपने जीवन से जुड़े हर फैसले खुद ले सकती है बिना डरे। परिवार और समाज में बिना डरे अच्छे से रह सकती है। नारी शक्ति निबंध

Essay On Nari Shakti In Hindi

Essay On Nari Shakti In Hindi
Essay On Nari Shakti In Hindi

       ज्यादातर देखा जाता है की पुरुष को सभी चीजों में ज्यादा अधिकार दिया जाता है इसीलिए बात बात पर एक महिला को अबला कहा जा रहा है और इन सब को हटाने के लिए ही ये अभियान शुरू किया गया है जिससे समाज की हर एक स्त्री का वास्तविक अधिकार प्राप्त करा सके उन्हें सक्षम बना सके। इसमें ऐसी ताकत है की वह समाज ,देश और पुरे देश विश्व को बदल सकती है। हर मानना कोई गलत नहीं है की एक जब फैसला करने बैठती है तब उसका पलड़ा न्याय के तरफ ही जुकता है वो हंमेशा सही फैसला ही करती है। एक स्त्री बड़े से बड़े फैसले पुरुष से भी बेहतर तरिजेसे ले सकती है और निपटा भी सकती है। महिलाओ को अपना हक़ मिले , वो बिना डरे जी सके और उनमे विकास हो इसलिये हमारे भारत सरकार द्वारा यही योजनाए शुरू की है। Essay On Nari Shakti In Hindi

सभी नारी के लिए शुरू किये गए अधिकार :

१. कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार :
२. संपत्ति पर अधिकार 
३. समान वेतन का अधिकार 
४. गरिमा और शालीमाता के खिलाफ अधिकार 

        एक स्त्री किसी देवी से कम नहीं है वे एक औलोकिक है। एक स्त्री लगातार काम करती रहती है वे अक्सर एक ही दिन में कही घंटो तक बिना रुके और थके काम करती रहती है जैसे की बच्चो को उठाकर तैयार करके स्कूल भेजना ,पति का टिफिन ,घर की साफ-सफाई ,खाना पकाना ,सास ससुर की सेवा करना , घर के काम के साथ साथ जॉब करना और इन सब के साथ साथ वो कितने रिश्ते निभाती है एक बेटी का रिस्ता , बहन का रिस्ता ,माँ का रिस्ता ,पत्नी का रिस्ता ,दोस्त ,सलाहकार सभी की भूमिका अच्छे से निभाती है इन सभी की वजह से उसको शक्ति का रूप दिया गया है 

उपसंहार :- 
     
      आज के समय में स्त्री पुरुषो से कम नहीं है। स्त्री आज पुरुषो से कन्धा मिला कर चल रही है।  चाहे वह नौकरी हो या फिर घर संभालना।  अपने कर्तव्यों का अपने परिवार के प्रति पालन करती है। नारी सकती  कुदरत द्वारा मिली हुई अनमोल सकती है। 

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