Saturday, February 29, 2020

CCC क्या है ? - CCC Course Kaise Kare सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

CCC क्या है ? - CCC Course Kaise Kare सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

    CCC क्या है और CCC कोर्स कैसे करे अगर आप यह जानने आये है तो आप हमारी वेबसाइट HINDISAHAY पर आपका स्वागत है।इस पोस्ट में आपको CCC से जुड़ी सभी बातों को विस्तार से पढ़ने को मिलेंगी । CCC एक कंप्यूटर कोर्स है ओर यह कोर्स आप 10 class के बाद कर सकते है। आप सभी लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है लेकिन आपको यह नही आता मोबाइल से ज्यादा कंप्यूटर में काम होते है जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर जिसके बिना सभी कंपनी के काम अधूरे राह जाते है जैसे कि रिज्यूम बनाना , बहुत सारे कंपनी के हिसाब वह सब काम कंप्यूटर में बहुत ही आसानी से हो जाता है। ccc cource ऐसे ही computer के उपयोगी softwer पर आधारित है।


CCC क्या है ? - what is ccc course ?


     CCC क्या है ?-CCC एक डिस्प्लोमा कंप्यूटर कोर्स है जो Gov Institute द्वारा चलाया जाता है। वह Gov Institute को Nielit नाम से जाना जाता है। Nielit का फुल फॉर्म National Institute Of Electronic & Information Technology है। इस संस्था के अंतर्गत ACC, BCC, CCC, CCC+ ओर ECC जैसे कोर्स है।CCC कोर्स को सरकारी नोकरियों के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। CCC करके के द्वारा भारत का नागरिक कंप्यूटर को जाने और इसे सिख कर अपना विकास कर सकते है।




    CCC के कोर्स के अंदर सभी प्रकार के डॉक्यूमेंट बनाने के लिए सिखाये जाते है। INTERNET  में सभी वेबपेज के साथ वेबसाइट बनाना और वह सभी लोग अपने मोबाइल में ओर कंप्यूटर में internet की सुविधा से देख सकते है।यह पूरा (CCC क्या है ?)cource सबसे ज्यादा प्रैक्टिकल पर निर्भर है । राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स स्वर संचालित संस्थाए कुछ अन्य कोर्स भी करवाती है। इस कोर्स में कंप्यूटर की basic जानकारियां दी जाती है। आने वाले समय मे Gov की नोक्रिया जैसे क्लर्क,स्टेनोग्राफर, ओर पटवारी जैसी जॉब्स में डिप्लोमा CCC कोर्स का बहुत ही महत्व है। CCC का पाठ्यक्रम NIELIT द्वारा प्राधिकृत किया जाता है।


CCC का फूल फॉर्म – Full Form Of CCC


Course On Computer Concepts

CCC कोर्स कैसे करे ? - How to do CCC course ?


     CCC के कोर्स में दो तरह से आप यह कोर्स कर सकते है। पहला तो ऑनलाइन ओर दूसरा ऑफ़लाइन जिसमे ऑनलाइन कोर्स में Nielit आधारित वेबसाइट में जाकर आप ऑनलाइन एप्लाय कर सकते है। जिसमे 590 रूपीस का आपको Exam Fees के रूप में देना पड़ता है। उसके 3 महीने बाद आप के लिखे गए address पर प्रवेश पत्र आएगा जिससे आप Exam खंड में Entry ले सकते है। यह exam Nielit द्वारा चुनी हुई संस्थाओ पर होती है।

      इस परीक्षा की तैयारी आप को घर बैठे ही करनी होती है। इस कोर्स पर कई Tution भी चलते है वह जाकर भी आप यह कोर्स का अभ्याश कर सकते है।इस परिसा खंड में आपको एक कंप्यूटर दिया जाता है वह पर आप अपना Roll Number डालकर Login कर सकते है ओर ऑनलाइन अपने एग्जाम दे सकते है।

     दूसरा है ऑफलाइन जहा पर कुछ संस्थाओ को Nielit द्वारा ccc कोर्स को चलाने की अनुमति मिल गयी हो वह पर आप एडमिशन लेकर इस कोर्स को पूरा कर सकते है । ओर इस कोर्स का सर्टिफिकेट पा सकते है। यह सभी संस्था Nielit द्वारा दिए गए सीसीसी कोर्स के Schedule को फॉलो करती है। इसमे 10 दिन का फुल टाइम करके को शामिल किया गया है और यह कोर्स में सबसे ज्यादा प्रैक्टिकल करवाया जाता है। इस अभ्याश के आधारित सवाल होते है।

CCC कोर्स का अभ्याषक्रम 


      अगर आपको कंप्यूटर के बारेमे कोई भी जानकारी नही है तो आप को चिंताबकरने की बिल्कुल आवस्यकता नही है क्योंकि इस कोर्स को ऐसे ही विधार्थियो को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अगर आप ऑनलाइन इस कोर्स को करना चाहते है तो आप मार्किट से यह कोर्स की Books को खरीद सकते है। नीचे की विगत अनुसार आपको syllabus मिलेगा

  1. Microsoft Office word
  2. Microsoft office Excel
  3. Microsoft office PowerPoint
  4. Basic Finance Terms
  5. Introduction to GUI operating System
  6. Computer Communication And Internet

    इस परीक्षा में आपको सवाल के जवाब वैकल्पिक रीत में देने होते है। आप प्रश्न का उत्तर टिक करके दूसरी बार उसे नही देख सकते।इस परीक्षा में आपको 85% पर A ग्रेड, 75% से 84% में B ग्रेड,65 से 74% पर c ग्रेड प्राप्त होते है ।  इस Exam में आपको ऊपर आधारित मार्क्स पर ग्रेड प्राप्त होंगे.

Ccc corce की fees कितनी है ?


सीसीसी कोर्स करने के लिए आपको एडमिशन लेने पड़ेगा Nielit website से जहा पर आपको 500+ जितनी फीस टेक्स्ट के साथ भरनी होती है।और आओ पर्शनल ट्यूशन या संस्था पर जाते हैबतो 3000 से 5000 तक fees आपको pay करनी पड़ती है।

CCC CORCE के फायदे


सीसीसी कोर्स को करने से कई फायदे आपको मिलते है।आज के युग मे सभी कार्य कंप्यूटर पर होते है । तो इस कोर्स को पूरा करने से आपको सभी कंप्यूटर को विस्तार से महितिपूर्वक जान सकते है।

सामान्य कंप्यूटर की जानकारियां
सीसीसी कोर्स की मदद से कंप्यूटर को कैसे चालान हैउसे ऑपरेट कैसे करना है और MICROSOFT Office में आने वाले सभी सॉफ्टवेर को आप आसानीसे चला सकते है।

Gov Jobs ओर Private Jobs
के सरकारी नोक्रिया जिसमे ccc करके अनिवार्य है, यह कोर्स को करने के बाद यह gov वकन्सिस में आप aplay करकर Gov job ले सकते है। और इसी आधारित आपको pvt job भी मिल जाती है।

After10th
सबसे अच्छा तो यह है कि आपको 12वी तक पढ़ने की कोई जरूरत नही है 10th को पास कर के आप यह corce में admision ले सकते है।

Computer Diploma सर्टिफिकेट


सीसीसी का कोर्स को करने पर अगर आप उत्तीर्ण मार्क्स से पास होते हो Nielit की तरफ से प्रमाणपत्र दिया जाता है। इस Corce में Diploma corce करने का प्रमाण होता है।

CCC CORCE कितने दिनों का होता है ?


सीसीसी कोर्स 80 घंटो की होती है जिसमे देखा जाए तो 10 या 11 दिन फुल टाइम माना जाता है।


CCC परीक्षा के लिए कैसे APPLY करे ?


इसकी परीक्षा आपको ऑनलाइन देनी होती है। इसीलिए आपको Nielit की वेबसाइट पर फॉर्म भर कर एडमिशन करवाना होता है,इसके 3 महीने बाद जब exam आती है इससे पहले आपके दिए गए address पर आपका प्रवेश पत्र आ जाता है।

Ccc corce कब किया जाता है?


Ccc कोर्स 10 के बाद किया जाता है । अगर आप 10th पास कर देते है तो आप सीसीसी कोर्स के लिए apply कर सकते है।

 उम्मीद है की आपको सीसीसी की बारेमे सम्पूर्ण जानकारी हासिल हो गयी होगी। तो ऐसे ही पोस्ट पढ़ने के लिए HINDISAHAY को फॉलो करे। 



Wednesday, February 26, 2020

Essay on peacock in hindi - मोर पर निबंध
Essay on peacock in hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस  मोर पर निबंध को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


Essay on peacock in hindi - मोर पर निबंध

      
       मोर भारत का एकमात्र राष्ट्रीय पक्षी माना जाता है।मोर में रंग रूप और गुण सभी अतुलनीय है। मोर के पिन्छ मर इंद्रधनुष के सभी रंग दिख रहे है। बारिश के मौषम में मोर कलरव कर के नाचता है।हमारे जंगल मे बहुत से पशु पक्षी पैर जाते है उसमें से मोर सबसे सर्मिला, अच्छा दिखने वाला और चतुर पक्षी है। 1963 के जनुअरी महीने में भारत सरकार ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी गोशित किया था । कवि कालिदासः ने मोर को अपनी छट्ठी सप्ताह में राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया था। हिन्दू समाज के अनुसार मोर के संबंध देवी देवताओं के साथ है।सौन्दर्य की मूर्ति के रूप में जनसाधरण को भी मोर प्रिय है। Essay on peacock in hindi

मोर पर निबंध



 मोर पर निबंध


      हिन्दू समाज मे देवी देवताओ को जो धार्मिक सम्मान दिया जाता है वह मोर को भी दिया जाता है। भावनाओ ओर क्रोधित में आकर कोई भी व्यक्ति भारत मे मोर का वध नागी कर सकता है। मोर की सुंदरता की वजह से मोर सिर्फ भारत का ही नही बल्कि म्यांमार का भी राष्ट्रीय पक्षी है। मोर भारत मे गुजरात,हरियाणा और राजस्थान में सबसे ज्यादा पाया जाता मोर अपने नृत्य के लिए सभी देशों में प्रसिद्द है। खासकर बारिश के मौषम में मोर सबसे ज्यादा नृत्य करते है।मोर जंगल मे पाए जाते है लेकिन सबसे ज्यादा चिड़िया घरो में रखे जाते है। मोर भारत देश की शान है। मोर पर निबंध

यह भी पढ़े :- विश्व कैंसर दिवस पर निबंध

मोर की विशेषता

       मोर आनेक रंगों से बना है। मोर को नीलकंठ भी कहा जाता है क्योंकि उसकी छाती और गला नीले रंग का होता है। मोर की आयु केवल 20 या 22 साल की ही होती है। इतनी ख़ूबसूरता ओर रंगों की वजह से सुंदर माने जाने वाला मोर के पैर बड़े ही बदसूरत है। भगवान श्री कृष्ण मोर के पंख को सिर पर लगाते थे। शिवजी के पुत्र की सवारी मोर है। मोर ओर मोरनी जब साथ मे हो तो पंख फैलाकर अलग अलग प्रकार की आवाज निकालते है। मोर के पिन्छ बहुत ही खूबसूरत होते है इसीलिए सब इन्हें किताबो ओर सिर पे लगाते है। मोर सभीअन्न के दाने ओर छिपकली,कीड़े,मकोड़े को खाते है। मोर हमेशा समूह में रहते है 5 ओर 6 के समूह मै । मोर काफी डरावना पक्षी है और इसे पकड़ना बहुत ही मुश्किल है। मोर के पंछ का उपयोग बछो की नजर उत्तर ने के लिए ओर सजावट के लिए इस्तेमाल होता है। जब मोर पंखों को फैलाता है तो इस वख्त सबसे खूबसूरत लगता है।

Essay on peacock in hindi



मोर पर निबंध


मोर को लुप्त होने से बचाना

     मोर की प्रजाति सबसे ज्यादा भारत मे पायी जाती है। दूसरे के देशों में मोर की प्रजाति लुप्त हो चुकी है। इसीलिए मोर को लुप्त होने से बचाने के लिए मोर को चिड़िया घर मे रखा जाता है और उनकी देखभाल की जाती है। 1972 में वन्यजीव अधिनियम के अनुसार मोर की प्रजाति को सुरक्षित किया गया है और मोर का वद करने पर कानून लगाया गया है। मोर पर निबंध

यह भी पढ़े :- मित्रता पर निबंध हिंदी

उपसंहार

     मोर जंगल की एक अनोखी सोभा है क्योंकि पूरे जंगल मे सबसे खूबसूरत मोर ही है। मोर समृद्धि का प्रतीक है।मोर को देखकर सभी लोग उसकी तस्वीरे ओर चित्र खीचने लगते है। मोर किसीको हानि नही पहुचाते है इसीलिए बछो को भी पसंद है।मोर हमारी भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है।

Monday, February 24, 2020

Mera Parivar Essay In Hindi - मेरा परिवार पर निबंध

Mera Parivar Essay In Hindi  सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस मेरा परिवार पर निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।

Mera Parivar Essay In Hindi - मेरा परिवार पर निबंध


      हमारा घर एक छोटा सा है।  जहा पर हम सिर्फ पांच लोग रहते है , उसमे से एक में , दूसरे मेरे पापा ,मेरी मां ,मेरा बड़ा भाई और मेरी प्यारी सी चुटकुले सुनाने वाली दादी। हम पांचो यहाँ पर बड़ी ही ख़ुशी से रहते है।  मेरी माँ बहुत ही स्वादिस्ट भोजन बनती है। मेरा बड़ा भाई मेरे से तीन साल बड़ा है और हम दोनों एक ही शाला में पढ़ने जाते है। मेरे भाई की किताबे और स्कूल की यूनिफॉर्म मेरे काम आती है।  मेरा परिवार पर निबंध

Mera Parivar Essay In Hindi 



mera parivar essay in hindi


     मेरे पिताजी पुलिस कॉन्स्टेबल है। जो उनके ऊपरी अधिकारी की गाड़ी में काम पे जाते है।  मेरी माँ अद्यापिका है और वह घर पे ही छोटे छोटे बच्चो को पद्धति है।  उनसे मेरे पिताजी  को थोड़ा सहारा मिल जाता है।  मेरी दादी जो की मेरे को चुटकुले सुनती है।  और हररोज विद्यालय में जाने से पहले में उनके आशीर्वाद लेता हु।  और घर पे जाने के बाद मुझे लेशन भी करवाती है। वह उनका काम खुडी ही कर लेती है। मेरा बड़ा भाई 9 मि कक्षा में पढता है।  और में 6 कक्षा में पढता हु। Mera Parivar Essay In Hindi 

     हमारे घर में बहुत ही शांत वातावरण है।  घर के सभी सदस्य खाना खाने के बाद थोड़ी देर बाग़-बग़ीचे में बैठते है और वह पर में मेरा भाई और पापा क्रिकेट और सापसीडी जैसे खेल खेलते है।  मेरी मम्मी और दादी अपनी बाटे करते है और चुटकुला सुनते है।  वैसे ही हमारा पूरा दिन बहुत ही अच्छा जाता है। मेरा परिवार पर निबंध

     हमारा घर का धर्म एक ब्राम्हण परिवार से है इसीलिए हम सिर्फ शाकाहारी भोजन प्रदान करते हैं।  उसमे हम शाकभाजी, दूध और शाकाहारी में आनेवाली कई वानगियो का प्रयोग करते है। 

     त्यौहार पे मेरे पिताजी सभी के लिए नए कपडे और मिठाईया लेट है उसमे मुझे हलवा बहुत ही पसंद है। मेरी मम्मी भोजन के शिवा मिठाईया भी बनती है। तहवारो पर फिया और मौसी के बच्चो और उनका परिवार हमारे घर पर आते है। हम सभी मिलके बहुत ही मजा करते है।  फिया सहर से नयी नयी खाने की चीज़े लाती है। और मामा नए नए खिलोने हमारे लिए लाते है। इस अवसरों में दादीजी बहुत ही खुश होती है पुरे परिवार को देखकर। 

यह भी पढ़े :- विश्व कैंसर दिवस पर निबंध

     हमरे घर में किसी का जन्मदिन हो तो अपने दोस्तों और सगा-सम्बन्धियों को बुलाते है और बड़े ही धूम धाम से जन्मदिन मानते है।  इस बार मां का जन्म दिन आ रहा है।  सभी लोग बड़े ही  मज़े करंगे। क्या आप का परिवार भी ऐसा हैं। 

     कोई भी कठिनाईया हो हमारा परिवार हमेशा एक जुट रहता है।  मुझे मेरे माँ और पापा से बहुत ही प्यार है।  मेरी माँ मुज़से बहुत ही प्यार करती है।  मुझे कभी कुछ होने नहीं देती।  मेरा परिवार सबसे अच्छा है। आप सभी को पता ही है की मनुस्य को जीने के लिए परिवार की बहुत ही जरुरत होती है क्युकी सिर्फ परिवार ही सुख दुःख में हमारे साथ खड़ा रहता है। परिवार जैसे समुदाय को मिलाने से एक बड़ा समाज बनता है।  और इस समाज को मिलाने से बड़ा देश बनता है।  परिवार के बिना जीवन में कुछ आनंद नहीं मिलता है। आदर्श परिवार बहुत ही आवश्यक है। मेरा परिवार पर निबंध


मेरा परिवार पर निबंध - essay on my family in hindi (200 words)


     भारत में बड़े बड़े परिवार है।  लेकिन हमारा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है। हमारे घर में चार सदस्य है , में मेरी बहन और मेरे माता - पिता। मेरी बहन मेरे से छोटी है। एक छोटा सा लेकिन सुखी परिवार है मेरा। हमरा परिवार भारत देश के गुजरात सहर के सूरत में रहता है। 

यह भी पढ़े :-  मित्रता पर निबंध हिंदी

     मेरे पिताजी एक शिक्षक है। मेरे पिताजी सुकर लेकर स्कुल जाते है बच्चो को पढ़ने के लीये।  मेरी माँ घर पर ही रहती है और घर का सारा काम वही करती है। मेरी बहन और में एक ही विद्यालय में जाते है। मेरी छोटी बहन को में लेशन (homework) करवाता हु।  मेरी माँ बहुत ही स्वादिस्ट भोजन बनती है।  Mera Parivar Essay In Hindi 


  • परिवार होने से मानव के अंदर संस्कार का निर्माण होता है 
  • कठिनाई और दुःख में सिर्फ परिवार ही आप के साथ खड़ा रहता है। 
  • परिवार में रहने वाले सभी लोग अकेले रहेने वाले लोगो से अधिक खुश पाए जाते है। 
  • अपनी सभी सुख दुःख  आप परिवार के साथ बैठकर कर सकते है। 
  • परिवार में रहने से आप का मानशिक संतुलें बना रहता है। 

     मेरे परिवार में सिर्फ मेरे पिताजी ही कमाते है।  हमारा परिवार एक मध्यम वर्गीय है।  हम सभी की ज़रूरियाते कम है इसीलिए हमारा परिवार सुखी है। 






Tuesday, February 18, 2020

Cow Essay In Hindi-गाय का निबंध
Cow Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस गाय का निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।

Cow Essay In Hindi-गाय का निबंध 


      भारत मे सभी प्रकार के पशु-प्राणी पाए जाते है। गाय भारत का पशु मन जाता है।यह एक दुधाडू पशुओ में समावेश किया जाता है। गाय को सब गौ माता भी बुलाते है। प्राचीन युग के लेखों में लिखा है कि गाय के अंदर सभी देवी देवताओं का वास है इसीलिए गे को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है।गाय को सभी अपने घर मे पालते है। पालतू पशु में भी गाय का समावेश किया जाता है।

Cow Essay In Hindi


गाय का निबंध



     गाय हमारी धरती पर लाखों सालों से विधमान है। हिन्दू धर्म के कुछ लेखों में गे को माता कहा गया है क्योंकि जैसे म हमारा कयल रखती है वेसे गाय भी दूध देकर हमारे कई सारे स्वादिस्ट भोजन को पूरा करती है। हिन्दू धर्म मे सब गाय माता को पूजते है। दूसरे देशों में गाय एक पालतू जानवर है जो कि सिर्फ दूध देता है इसीलिए रखा जाता है।भारत देश मे यह मानता है कि गाय के अंदर देवी देवताओं का वास है इलिये गाय की पूजा भी की जाती है।इसीलिए हिन्दू समाज मे गाय का महत्व बहुत है। गाय को पालने से घर का वास्तु ठीक रहता है और आने वाली कठिनाईया भी टल जाती है।इसीलिए सब गाय को गौ माता भी कहते है।

गाय केसी दिखती हैं?


     गाय को मानव दृस्टि से देखा जाए तो गाय एक मुह,दो आंख,दो कान,चार पेर,चार थन, दो सिंग ओर दो नथुने होते है।गाय को एक पूंछ होती है और जहाँपर वह खत्म होती है वह पर गाय के बालों का गुच्छा बना रहता है। पाव में खुर होता है जो गाय के लिए जूतों का कार्य करते है। गाय एकन्ध प्रजाति में सिंघ नही होते है।

गाय की उतपति कैसे हुई?


प्राचीन पुराणों ओर लेखों के अनुसार नीचे के द्वारा कथाए लिखी गयी है। ब्रम्हदेव जब अमृत पी रहे थे तब एक प्रेटेक्स रुपे दूसरे मुख से हवा के साथ जाग निकला तब उसे आदि गाय सुरभि माना गया। यह एक कथा अनुसार लिखा गया है।दूसरे लेख के अनुसार दक्ष प्रजापति की साठ लडकिया थी उसमें से एक का नाम सुरभि था। पुराणों ओर कथाओ अनुसार बहुत सी ऐसी कथा हैं।

गाय का निबंध

Cow Essay In Hindi-GAAY KA NIBANDH





गाय की उपयोगिता

     गाय एक पालतू पशु माना जाता है। यह एक दुधाडू पशु माना जाता है। गाय के दूध से अनेक वानगिया ओर जैसे कि दही,मक्खन,छास ओर पनीर । गाय का दूध बहुत ही गुणकारी साबित होता है। दूध बिगड़ता है लेकिन कुछ न कुछ काम मे आता है जैसे दूध एक दिन से ज्यादा रखे तो वह बिगड़कर दही बन जाता है।लेकिन वह खाने के काम मे आता है। सेहत बनाने के लिए दूध और मक्खन बहुत ही प्रोटीन देने का कार्य करते है। जैसे किसी को नींद नही आती हो तो पेर पर घी लगाकर सोने से अछि नींद आती है। बहुत सी वनगिया दूध के बिना नही बन सकती है।इसीलिए गाय उपयोगी है।

     गाय का गुत्र से पहले के जमाने मे उसका लेप करके घर बनाये जाते थे। गाय का मूत्र अनेक रोगों से भी बचाता है।गुत्र को ऋषि मुनिओ तप और पूजन करने के लिए इस्तेमाल करते थे। वेज्ञानिको के रिसर्च के अनुसार यह साबित हुआ है कि एक चम्मच घि को आग में डालने से लगभग एक टन जितना ऑक्सीजन उत्पन्न होता है।जिससे वातावरण में ओक्षिजन का प्रमाण बनाये रखा जा सकता है।

गाय का धार्मिक महत्व


     भारत मे गाय को माता का दर्जा प्राप्त हुआ है।पुराणों के अनुसार लगभग 33 करोड़ देवी देवताओं का वास गाय में होता है। गाय को कई जगहों पर पूजा जाता है जैसी की संकर भगवान के मंदिरों में ओर सादी में भी गाय के बच्चे का पूजन किया जाता है। गाय का दूसरा नाम गोपाल भी है क्योंकि श्री कृष्ण को गाय बहुत ही पसंद थी।गाय प्राचीन युग से ही महत्वपूर्ण रही है।

उपसंहार


     गाय को पालतू ही रहने दे और इसे अच्छे खोराक खिलाये क्योंकि शहरी विस्तार में सभी प्रकार का कार्य प्लास्टिक ओर पॉलीथिन से होता है। यही कचरा गाय के पेट मे चला जाता  इससे कई गाय माता की मूत्रयु हो जाते है। तो इसको आप रोक सकते है । गाय को खुला न छोड़े ओर उन्हें अच्छे खोराक का सेवन कराए।गाय मनुष्य जीवन के लिए वरदान रूप है।

Sunday, February 16, 2020

शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध-Shikshak Diwas Essay In Hindi
Shikshak Diwas Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।

शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध-Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक हमारे माता पिता से भी बढ़कर होते है। हमें हमारे जीवन में हमें पुस्तकीय ज्ञान के आलावा बाह्य ज्ञान भी देते है। हमारे जीवन में शिक्षक का किरदार बहोत ही खास और महत्वपूर्ण होता है।  सभी के जीवन में शिक्षक की आवश्यकता पड़ती है। शिक्षक को हम दूसरी भाषा से गुरु भी कहते है। बचपन में 5 साल तक हम अपने माता पिता के साथ रहते है हम माता पिता के साथ रहकर चलना ,हसना ,बोलना सीखते है और 5 साल बाद हम विद्यालय में प्रवेश करते और हम शिक्षक में संपर्क में आते है और वो हमें सभी प्रकार का ज्ञान देते है पुस्तकों का ज्ञान देते है हमें अच्छे विचार देते है लोग कहते है की ज्ञान ,जानकारी ,समृद्धि के वास्तविक धारक एक शिक्षक ही होते है जिनमे ये सभी चीजे होती है। shikshak diwas par nibandh

Shikshak Diwas Par Nibandh


Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक ही होते है जो हमें बिना स्वार्थ और भेदभाव के बिना अच्छे से अच्छी शिक्षा देते है। आज के आधुनिक युग में हम शिक्षा को बड़ा महत्व् देते है। शिक्षक अपने हुन्नर से ही हमें विकसित करके आगे बढ़ने का मौका देते है। अंतरास्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिन 5 ओक्टोबर को मनाया जाता है और हमारे भारत में शिक्षक दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। क्या आपको पता है की शिक्षक दिन किसके वजह से मनाया जाता है तो वो यह है की शिक्षक दिन डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण की वजह से मनाया जाता है। हमारे राष्ट्रपति डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण का जन्म 5 सितंबर को हुआ था और उन्ही की याद में हम 5 सितंबर को मनाया जाता  है। Shikshak Diwas Essay In Hindi

       डॉ. सर्वोपल्ली राधाकृष्ण भारतीय संस्कृति के संवादक ,प्रख्यात शिक्षाविद और महँ दार्शनिक भी थे और उनके साथ साथ वो हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्पति और दूसरे राष्ट्पति भी थे। एक दिन कुछ छात्रों ने और दोस्तो ने उनसे कहा के हमें आपका जन्म दिन बड़ी धूम धाम से मनाना है तब डॉ. राधाकृष्ण ने बड़ा ही प्यारा ही जवाब दिया था की आप हर साल मेरा जन्म दिन अलग अलग मानाने के बजाय आप मेरे जन्म दिन के दिन शिक्षक दिन के रूप में मनाये तो मुझे अच्छा भी लगेगा और मुझे अपने आप पर पर और तुम लोगो पर भी गर्व महसूस होगा 

Shikshak Diwas Essay In Hindi

       हमारे समाज में ऐसा कहा जाता है की शिक्षक के बिना सही रास्तो पर नहीं चला जा सकता है। पुरे विश्व में शिक्षक दिन मनाया जाता है 100 से ज्यादा देशो में शिक्षक दिन अलग अलग तारीख पर मनाया जाता है। शिक्षक हमें मार्दर्शन देते है। हंमेशा शिक्षक विद्यार्थी को अपने नियमो में बांध कर रखता है और उन्हें ऊँचा पद प्राप्त हो और बड़ा इंशान बने उसके लिए वो बहोत प्रयत्न करते है। गुरु का हर किसी के जीवन में एक बड़ा ही महत्व् होता है। हमारे भारत में प्राचीन काल से ही गुरु और शिष्य की परंपरा चली आ रही है। हमारे जीवन में हम सही ज्ञान शिक्षक से ही मिलता है। shikshak diwas par nibandh


Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक दिन के स्कूलों में पठाई लिखाई नहीं होती है। अभी स्कूलों में उत्सव मनाया जाता है। विद्यार्थी शिक्षक के पैर छूते है और उनको गिफ्ट देते है। स्कूलों में कही प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधिया होती है और इन गतिविधिओ में विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही भाग लेते है। शिक्षक दिवस के दिन विविध प्रकार के आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। उस दिन एक संकल्प लिया जाता है शिक्षकों में और विद्यार्थीओ में की हम गुरु शिष्य की परंपरा कायम रखेंगे। शिक्षकों का समाज में एक अलग ही स्थान दिया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन इन सब के साथ साथ डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण को उनकी जन्म जयंती पर याद किया जाता है। Shikshak Diwas Essay In Hindi


Shikshak Diwas Essay In Hindi


      एक शिक्षक अपने शिष्य को हर परिस्थिति का सामना करना सिखाते है एक शिक्षक ही है जो अपने शिष्य को काँटों के रस्ते पर भी मुस्कुराके चलना सिखाते है। एक गुरु ही अपने शिष्य का चरित्र निर्माता होता है। शिक्षक वो नहीं होता जो विद्यार्थी के दिमाग में जबरजस्ती बात गुसाये बल्कि सही शिक्षक वही है जो एक विद्यार्थी को आदर्श बनाये और आने वाले कल की चुनोतियो का सामना करना सिखाये। शिक्षकों के महत्व् के प्रति जागृतता लाने के मकशद से इन सब की शरुआत की गई थी  

        शिक्षक दिन हर एक विद्यार्थी के लिए महत्व् पूर्ण होता है और खास भी होता है। शिक्षक दिन के दिन कुछ छात्र शिक्षक का किरार निभाते है। शिक्षक की जगह लेते है। उनके काम को समझने के लिए साल के एक दिन यानि की 5 सितंबर के दिन  विद्यार्थी शिक्षक की जगह लेते है। शिक्षक की जगह लेकर वो सभी छात्रों को पठाने जाते है और शिक्षक के काम को जानते है और उनके महत्व् को भी। शिक्षक के सही मार्गदर्शन से ही वो सहलता के सिखर को हासिल करता है। Shikshak Diwas Essay In Hindi

Thursday, February 13, 2020

Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi-लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध
Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस  लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।  

Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi-लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध

आज कल के ब्रस्ताचारी राजनैतिक युग में लगता ही नहीं की हमारे देश में भी कभी ऐसे सच्चा और ईमानदार नेता थे।  लाल बहादुर शास्त्री भारत के गणतंत्र में जुड़ने वाले एक नेता थे। लाल बहादुर शास्त्री देश के सच्चे सपूत थे। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन गांधीजी के आन्दोलन से सरु हुआ था। उन्होंने जो देश के प्रति अपने जीवन का समर्पण दिया था वो देशवाशी कभी नहीं भूल पाएंगे।

लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध

Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi-लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध


लाल बहादुर शास्त्री का प्रारंभिक जीवन :-  २ अक्टुम्बर 2004 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय गांव में लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। उनके माता का नाम रामदुलारी था और पिता को सब मुंशीजी कहते थे। अपने परिवार में सबसे छोटे लाल बहादुर थे इसीलिए उनको नन्हे भी कहा जाता था। उनके पिता उसी गांव की शाला के अध्यापक थे लेकिन कुछ दुर्भाग्य के कारन उनके पिता का शाया उनके सर से हट गया।  पिताजी के गुजरजाने के बाद दादाजी के ही संस्कार उनको मिले। लेकिन कुछ पार्थितीओ के कारण वह ज्यादा पढाई न कर पाए। ननिहाल में उन्होंने अपना प्राथमिक शिक्षण प्राप्त किया उसके बाद हाई स्कुल उन्होंने काशी में हरिश्चंद्र हाईस्कूल में जाकर विद्या हासिल की। Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi

Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi


लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध


लाल बहादुर शास्त्री का राजनैतिक जीवन :- तब पुरे भारत देश में भारत की स्वतंत्रता का नारा लग रहा था।  गांधीजी को देख वो अपने जस्बात को काबू नहीं कर पाए और अपने जीवन को देश के प्रति व्यतीत करने का सोचा और आंदोलन में कूद पड़े। इस आंदोलन की वजह से 16 साल की उम्र में ही उनको जेल में जाना पड़ा। कोंग्रेश के प्रति उनका भोगदान देखकर उत्तर प्रदेश के पॉर्विसियल कमिटी का प्रमुख सचिव किया। 1935 में उनका राजनीती में स्वागत हुआ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के बाद उनकी जीत हुई।  जीत के दौरान उन्होंने कहा की अगर एक इंसान भी मेरे खिलाफ है  तो भी में प्रधानमंत्री नहीं बनूँगा। स्वतन्त्रता की प्राप्ति के लिए वह अलग अलग आंदोलन में भाग लेते रहे। वैसे तो वह थे लेकिन उससे पहले वह जनसेवक थे क्युकी उन्होंने कभी भी अपने और अपने परिवार के लिए अपने होड्डे का गलत इस्तेमाल नहीं किया।

यह भी पढ़े :- Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

अगर आज के नेता लालबहादुर शास्त्री के सिद्धांत पर चले तो आज भारत देश का बहुत निर्माण हो गया होगा। उन्होंने जनता के लिए अपना जीवन को देश के निर्माण के प्रति सोप दिया। जब नहेरु जी की मूत्रयु हुई तब प्रधान मंत्री के रूप में भागदौड़ संभाला और लोगोमे उनके प्रति विश्वास और ही बढ़ाया। ब्रस्ताचार को ख़तम करने के लिए अपने द्वारा बहुत ही कठिन कदम उठाये।

1965 में पाकिस्तान ने भारत के प्रति युद्ध कर दिया। शास्त्रीजी ने बड़ी ही दृढ़ इच्छाशक्ति से हमारे देश के युद्ध के लिए तैयारी की। शास्त्रीजी जी ने सेना को दुश्मनो से निपट ने के लिए कोई भी निर्णय सेना ले सकती है ये बात की उन्होंने पूरी स्वतंत्रता दी थी। उन्होंने ये निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी और सेना ने अपने नेता का पूर्ण समर्थन पाकर दुश्मनो को करारी मोत दी। 
लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी निबंध

ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्पति अयुबखान के साथ युद्ध न करने की ताशकंद घोसना के बाद शास्त्री जी की मृत्यु हो गई थी। लाल बहादुर शास्त्री जी के मृत्यु के उपरांत 1966 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। हिन्दुस्तान में लाल बहादुर शास्त्री के कारण ही सफ़ेद और हरित क्रांति आई। वो हरित क्रांति में पूरी तरह से जुड़ गए थे। लाला बहादुर शास्त्री जी ने अपने आवास के लिए लोन लिए था और वो लोन उन्होंने खेती के लिए उपयोग कर दी थी और उन्होंने ऐसा इसलिए किया की उन्हें जितने जवान पसंद थे उतने ही किसान भी पसंद थे। इसीलिए लाला बहादर शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा लगवाया था 

उपसंहार :- लाल बहादुर शास्त्री का एक जीवन मंत्र भी था वो ये था की हमारी ताकत और मज़बूरी के लिए सबसे जरुरी कम है लोगो में एकता स्थापित करना। लाल बहादुर शास्री हंमेशा कहा करते थे की ईमानदारी सबसे अच्छी निति है। शास्त्री जी हंमेशा से दयालु ,अग्रग्रामी सोच रखने वाले नेता थे। उनका जीवन जीने का यही एक तरीका था सदा जीवन उच्च विचार। शास्त्री जी बहोत महान थे। 

Wednesday, February 12, 2020

Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध
Ganesh Chaturthi Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस  गणेश चतुर्थी पर निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।  गणेश चतुर्थी भारत  मनाया जाने वाला प्राचीन त्यौहार है। 


Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध


प्रस्तावना :-  गणेश चतुर्थी भारत का एक पर्व माना जाता है। गणेश चतुर्थी हिन्दुओ का मुख्य त्यौहार है। गणेश चतुर्थी भारत के सभी राज्यों में मनाई जाती है यु कहे तो यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागो में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी महाराष्ट में बड़ी भूम धाम से मनाई जाती है वहा पर एक अलग ही रंग और बवाना देखने को मिलती है। गणेश चतुर्थी का एक बड़ा इतिहास भी है। गणेश भगवान का यह त्यौहार 11 दिनों के लिए होता है। महाराष्ट में यह केवल त्यौहार नहीं है बल्कि यह एक बड़ा उत्सव हो ऐसे लोग मनाते है। वह पर ये पर्व धूम धाम से हर्षोउल्लास , उमंग और पिरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध


गणेश उत्सव :- सब लोग कहते है और ग्रंथो के अनुशार जब  वेदव्यास जी ने महाभारत की कथा भागभन गणेश को 10 दिनों तक सुनाई थी और वो सुनते समय बागवान गणेश ने उनके नेत्र बांध कर लिए थे और जब महाभारत कथा 10 दिन बाद पूरी हुई और भगवन गणेश ने जब अपनी आंखे खोली तो उनका तापमान बहोत अधिक हो गया। ये देखकर वेदव्यास जी चिंतित हो गए थे और वेदव्यास जी ने गणेश जी को कुंड में स्नान करवाया था और तब्जके गणेश जी का तापमान कम हुआ था। इसीसलिए गणेश जी गर पर लाने  पर गणेश जी की पूजाकी जाती है। Ganesh Chaturthi Essay In Hindi


गणेश चतुर्थी पर निबंध


लोग  10 दिन गणेश जी को घर पर रखते है फिर 11 वे दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। गणेश की मूर्ति को नदीमे या फिर समुद्र के पानी में विसर्जन करते है। यह पर्व कही सालो से मनाया जा रहा है  है की पेशवाओ के शाशन के बाद गणेश उतसव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है

Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश चतुर्थी की कथा :- पौराणिक कथाओ से पता चलता है की यह कथा भगवान शंकर और माता पार्वती पर आधारित है यह कथा शिव पार्वती के पुत्र   गणेश भगवान के जन्म पर है और इसी परसे हमें पता चलता है की गणेश चतुर्थी हम क्यू मनाते है। जनेश जी का जन्म नहीं हुआ था उनका निर्माण हुआ था। गणेशजी का निर्माण माता पार्वती जी के शरीर के मैल से हुआ था। माता पार्वती उनके स्नान के दरमियान गणेश जी को स्नानघर के बहार अपने रक्षक के रूप में उनको बिठा दिया और माता पार्वती स्नान करने  चली गई और भगवान शंकर इन सभी बातो से अपरिचित थे और उनको माता पार्वती से मिलना था और गणेश जी भी भगवन शंकर से अपरिचित थे। गणेश चतुर्थी पर निबंध


Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध


गणेशजी को माता पार्वती के आज्ञा का पालन करना था इसीलिए उन्होंने भगवान शंकर को अंदर जाने दिया नहीं इस बात से भगवान शिव क्रोधित हुए और गणेश जी का सर धड़ से अलग कर दिया और अपने रास्ते से हटा दिया। जब माता पार्वती को इन सब का पता चला तो वो भी भगवान शिव पर क्रोधित हुई और वास्तविकता बताई और गणेश को पुनः जीवित करने को कहा और तब भगवान शिव ने सभी देवी देवताओ को बुलाया और इनका हल पूछा तो सब ने कहा की कोई ऐसे पुत्र का सिर लाओ जिसकी पीठ उसकी माता की और हो।  Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश चतुर्थी पूजा विधि:- गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की मुर्तिया घर पर स्थापित करते है। वो लोग 10 दिन तक बाप्पा की मूर्ति को घर पर रखते है और खूब सेवा अर्चना ,भजन कीर्तन ,आराधना करते है बाप्पा की आरती करते है उनका मन प्रसंद व्यंजन बनाते है प्रसाद में मोदक और लड्डू चढ़ाते है।जैसे की माना जाता है की रिद्धि सिद्धि को गणेश जी लाये थे उनके रूप में पान और सुपारी को रखा जाता है। और सिंदूर भी चढ़ाया जाता है। बाद में परिवार के साथ मिलकर गणेश जी की पूजा आरधना की जाती है और प्रसाद के रूप में लड्डू का भोग दिया जाता है। और गणेश जी के नाम का उच्चारण करते है। Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश जी के नाम : - सुमुख,कपिल, गज कर्ण, गणाध्यक्ष,लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक, विनायक, धूम्रकेतु, भालचंद्र, गजानन,एकदंत,


सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने ।मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः 
उपसंहार :- भारत त्योहारों से भरा देश है।  प्राचीन कल से यहाँ पर त्योहारों को मनाया जाता है।  गणेश चतुर्थी को प्राचीन युग से भारत देश में मनाया जाता है।  यह देश दिनों का त्यौहार सभी  जीवन में आन्नद लेकर आता है। 

Tuesday, February 11, 2020

Swami Vivekananda Essay In Hindi-स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध
Swami Vivekananda Essay In Hindi सभी धोरण 1 से 12 के लिए लिखा गया है आप इस स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


Swami Vivekananda Essay In Hindi-स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध


प्रस्तावना:- स्वामी विवेकानंद को भारत के महापुरुष गिने जाते है। स्वामी विवेकानंद एक महान गुरु और नेता थे। रामकृष्ण मिशन ओर रामकृष्ण मठ की स्थापना स्वामी विवेकानन्द द्वारा की गई थी। अंग्रेजो की लड़त में दूसरे महापुरुष विवेकानंद के सिधान्तो का पालन करते थे।

Swami Vivekananda Essay In Hindi 


स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध

स्वामी विवेकानन्द जी प्रारंभिक जीवन:- सन 1863 जनवरी 12 को कायस्थ परिवार में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था । उनको बचपन मे नरेंद्र देव से बुलाया जाता था। उनकी माता भुनेश्वरी ओर पिताजी का नाम विश्वनाथ था। नरेंद्र देव के दादा जी संस्कृत और फ़ारसी के विद्यान थे। और पिता विश्वनाथ पेशे से वकील थ ओर माताजी धार्मिक प्रवुति करती थी। नरेंद्र बचपन से मेघावी थे और उन्होंने सन 1889 में मेट्रिक की परीक्षा पास करी ओर कोलकत्ता की जनरल असेम्बली कॉलेज में एडमिशन लिया। विवेकानंद इतिहास,दर्शन ओर साहित्य जैसे विषयो में अभ्याश किया। नरेंद्र बी.ऐ की परीक्षा में उत्तीण माक्स से पास हुए थे। नरेंद्र के पिता का दिहन्त हो गया और न चाहते हुए भी उनको नोकरी करनी पड़ी और आर्थिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ा। ओर जब वह अपने गुरु से मिले तो उनको मा काली से प्रार्थना करने को कहा। लेकिन जब वह माँ काली के पास गए तो धन संपत्ति को छोड़कर बुद्धि और भक्ति की याचना करने लगे।और उनके अंदर भक्ति करने से धार्मिक गुणों को उद्भव हुआ और वह स्वामी विवेकानंद कहलाये गए। Swami Vivekananda Essay In Hindi

यह भी पढ़े :- क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद

स्वामी विवेकानन्द के गुरु :-  रामकृष्ण जी को मिलने के बाद उनका संत और धार्मिक जीवन आरम्भ हुआ। उन्हीने जमज के प्रति ओर आंदोलन के प्रति अपना जीवन को ले जाने का सोचा । नेतृत्व ओर आंदोलन करके भर के पाश्रिमी देशों को परिचित कराया। उन्होंने सनातन धर्म और ज्ञान शास्त्र के अनुसार विश्वभर में लोगोको भाईचारे का संदेश दिया।सवामी विवेकानंद हमेशा सच बोलते थे और एक विद्वान थे। उन्होंने रामकृष्ण को अपना आद्यात्मिक गुरु माना और उसके बाद वह स्वामी विवेकानंद से जाने गए। उन्होंने जब रामकृष्ण मिशन की स्तनपान करी तब उनके गुरु का नाम भी रोशन किया ओर सदैव उनके गुरु को याद रखा। swami vivekanand ka nibandh

स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध

स्वामी विवेकानंदजी का शिकागो सफर:- सन 1893 में अमेरिका के शिकागो सहर में धार्मिक विश्व समेलन हुआ था। स्वामी वेवेकानंद के शिस्यो द्वारा उनको इस समेलन में भाग लेने के लिए आग्रह किया गया। और बहुत ही कठिनाईयो के साथ इस समेलन में भाग लेने के लिए पहुचे। सब के बाद उनको मौका मिला और जब उन्होंने भाषण दिया टैब वह बैठे सभी लोग गदगद उठे और कई बार उनके समेलन ओर भाषण हुए । दुनियाभर में उनकी प्रशंसा होने लगी और उनका बड़ा ही नाम होने के बाद यूरोप और कई देशों में उनके शिस्यो की संख्या भी बढ़ने लगी । Swami Vivekananda Essay In Hindi


स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध


स्वामी विवेकानंद भारतीय आंदोलन:-  अमेरिका में शिस्यो को ज्ञान देने के 4 साल बाद वह भारत लौटे ओर उनका भव्य स्कागत किया गया क्योंकि उन्होंने उनके नाम के साथ साथ भारत देश का भी नाम रोशन किया। भारतीय अद्यात्मक प्रसार के बाद रामकृष्ण मिशन की स्थापना करी ओर इस मिशन के सफलता के बाद उन्होंने बहुत श्रम किया जिससे उनका स्वास्थ्य संतुलन बिगड़ गया। ओर 4 जुलाई 1902 की रात्रि को उनके प्राण चले गए। उठो जागो ओर धैय प्राप्ति सुधि मंड्या रहो वह उनका सिद्धान्त था। पूरा भारत देश इस सिद्धांत को बहुत ही महत्वपूर्ण लेखों में लिखा गया है। swami vivekananda par nibandh


स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध


उपसंहार :- स्वामी विवेकानंद जैसे ही जीवन में अगर कुछ करना है तो अपने ध्येय को चुनो और जब तक उसे हाशिल न कर सको महेनत करते रहो। स्वामी विवेकानंद अपने भाषणों से दुनियाभर में प्रसिद्ध थे और उन्होंने अपने नाम के साथ देश का और उनके गुरु रामकृष्ण का भी नाम रोशन किया। वैसे ही उनका एक सुविचार था ''ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.'' 

Monday, February 10, 2020

Diwali Essay In Hindi - दिवाली पर निबंध
Diwali Essay In Hindi  सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस  दिवाली पर निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।  दीपावली भारत  मनाया जाने वाला प्राचीन त्यौहार है। 


Diwali Essay In Hindi - दिवाली पर निबंध 


प्रस्थावना :-  ''दिवाली का त्यौहार भारत देश में मनाया जाता है''। भारत देश में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़ा माना जाता है और बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। दिवाली केवल भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बहार रहने वाले अन्य लोग भी दीवाली धूम धाम से मनाते है। दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के लिए दीपावली एक महत्व्पूर्ण त्यौहार होता है। हिन्दू धर्म के आलावा कही सारे लोग इस पर्व को बड़ी धूम धाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशिया लेकर आता है। दिवाली आने पर सभी लोग खुश हो जाते है चाहे वो बड़े हो या बच्चे।दीपावली के बारे में कहा जाता है की ये त्यौहार भगवान राम जी के 14 वर्ष के वनवास के बाद आयोध्या वापिस आने की खुसी में मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या वासी ने गर गर पे घी के दिऐ जलाये थे और धूम धाम से उनका स्वागत किया था।   Paragraph On Diwali In Hindi


Diwali Essay In Hindi - दिवाली पर निबंध


दीपावली का त्यौहार:- दीपावली का त्यौहार 5 दिनों के लिए होता है सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार होता है। हमारे हिन्दुओ के त्यौहार में होली,रक्षाबंधन ,दशहरा ,महाशिवरात्रि और दीपावली है। दीपावली में दिप जलाने होते है और दिप जलाके प्रसन्न हो जाते है। यह दीपो का त्यौहार होने से मन इन सब को देख के प्रसन्न हो जाता है।(Diwali Essay In Hindi) यह त्यौहार कार्तिक महीने के अमावश्या के दिन मनाया जाता है। अमावश्या की रात अँधेरी होती है इस अँधेरी रात में दिप जलाते है और अमावस्या की ये रात दीपो से जगमगाने लगती है। करूं के भक्तिधारको का यह कहना है की श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध इसी दिन किया था और लोगो में हर्षो उल्लाश छा गया था  और इसी दिन महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी था इन सब कारणों से हम सभी दीपावली का पर्व मनाते है। Diwali Essay In Hindi For Child    

Diwali Essay In Hindi

         यह त्यौहार लगभग सभी धर्म के लोग धूम धाम से मनाते है। दिवाली के आने से पहले कही लोग इसकी तैयारियां करना शुरू करदेते है अपने अपने घर की सजावट और लिपाई पुताई करना शुरू कर देते है। लोग नए नए कपडे खरीदना शुरू करदेते है। फूलजड़ी और पटाखे खरीदना ,रंगोली का सामान ,मोमबत्तिया खरीदना शुरू कर देते है। इन दिनों में सूर्यास्त के बाद  लक्ष्मी पूजन भी होता है कहते है की इन दिनों लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन करेने से स्वास्थ्य ,धन ,सुखसम्पति बढ़ती है ।दिवाली के दिनों में बाजार की हर दुकानों को लाइटिंग और फूलो से सजाया जाता है ताकि वो  दिखने में रोचक लगे। दिवाली के दो तीन दिन पहले बाजार में बड़ी भीड होती है। Essay On Diwali In Hindi For Class 6,7,8

यह भी पढ़े :- रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध

दीपोत्सव मनाने की तैयारियां:- लोग अपने घरो को साफ करके दिवाली से पहले रोशनी से सजाते है। दिवाली के इन पांच दिनों में सभी के घर में अलग अलग मिठाई और कही खाध्य व्यंजन बनते है। सभी लोग दिवाली पर नए नए कपडे पहनते है साथ ही एक दूसरे को मिठाई और उपहार देते है। दिवाली ही एक ऐसा त्यौहार होता है जब हम अपने करीबी और प्रिय लोगो से मिलते है एक दूसरे  जाते है और अपने रिस्तो को मजबूत बनाते है। दिवाली के दिन बच्चे नए कपडे पहनकर शेरी में निकल जाते है और अपने दोस्तों के साथ पटाखे जलाते है और मन प्रफुल्लीत करते है।

यह भी पढ़े :- क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद

       दिवाली के पांच दिन होते है यह धन तेरस से शुरू होता है इन सभी दिनों का एक खास महत्व् होता है । धनतेरस के दिन सभी लोग धन की पूजा करते है यानि की माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करते है। दूसरे दिन काली चौदस मनाई जाती है। इस दिन सभी लोग माँ काली की पूजा करते है नैवेध भी करते है और उसके बाद दिवाली आती है। दीवालीके दिन सभी लोग नए कपडे पहनते है और पटाखे जलाते है और रत को दिप प्रज्वलित करते है और दिवाली के दूसरे दिन नया साल मनाया जाता है और भीर भाई दूज आता है। भाई दूज के दिन के दिन भाई अपनी बहन के घर जाता है और बहन भाई को तिलक करती है और मुँह मीठा कराती है ताकि ताकि भाई दुनिया की बुरी चीजों से बहन की रक्षा कर सके। दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)   


दिवाली पर निबंध


दिवाली उत्सव :-  दिवाली के पर्व का एक खास रोचक तथ्य है कहा जाता है की दिवाली के पर्व को बुराई पर अच्छे की जित का प्रतिक माना  जाता है। दीपावली का त्यौहार मात्र दिप जलाना और पटाखे फोड़ना नहीं है मेने पहले भी कहा है की दिवाली का कोई अपना ही महत्त्व है दिप जलाने का मतलब केवल अँधेरे को दूर करना नहीं है बल्कि इन दियो को देखकर हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है। गर की सफाई करते है लिपाई पुताई करते है और हम हमारे गर की गंदकी को दूर करते है और हम इस गंदकी से बीमार नहीं होते है। दिवाली की रात को साल बर की सबसे अँधेरी रात मानी जाती है और इस अँधेरे को दूर करने के लिए हम दीपावली के दिन हम दिप जलाते है। दीपावली का त्यौहार खुशिया लेकर आता है  भाईचारे का संदेश भी देता है इसी पर्व पर हम एक दूसरे के घर पे जाते है और पकवान और मिठाई बाटते है और इन सब के साथ साथ खुशिया भी बाटते है। Diwali Essay In Hindi

 दिवाली पर निबंध 

Diwali Essay In Hindi - DIPAWALI PAR NIBANDH

      दीपावली के पर्व पर में यह सन्देश देना चाहता हु की दीपावली के दिन फटाखे भी फोड़े जाते है मगर इन पटाखों से वायु प्रदुषण भी होता है और ध्वनि प्रदुषण भी होता है और ये स्वाथ्य के लिए हानिकारक होता है इसीलिए हमें ऐसे फटाखे नहीं फोड़ने चाहिए की इसकी सीधी असर हमारे स्वाथ्य पर पड़े हमें सावचेत रहना चाहिए। दिवाली के पर्व पर ऑफिसो, स्कूलों ,सरकारी दफ्तरों  में छुट्टी होती है और यर सब लोग अपने काम काज को छोड़ कर दीपावली का आनंद लेते है कुछ लोग इस पर्व की छुट्टी पर गुमने फिरने जाते है और मौज मस्ती करते है कुछ लोग धार्मिक स्थान पर जाते है और भक्ति भाव से यात्रा करते है और प्रभु के दर्शन करते है और कुछ लोग मौज शोख के लिए गुमने जाते है इस दिनों में स्कूल में भी छुट्टिया चल रही होती है तो बच्चे भी अपने अपने  मामा के घर या रिस्तेदार के घर छुट्टिया मनाने जाते है। छुट्टिया मिलने के कारण बच्चे बहोत खुस हो जाते है. दिवाली पर निबंध

उपसंहार:- दिवाली का त्योहार सभी त्योहारों से बड़ा त्यौहार होता है यह साल में एक बार आता है और भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बहार भी कही  लोग दिवाली का पर्व बड़ी धूम धाम से मनाते है। भारत में सभी त्योहारों में से दिवाली को बड़ा महत्व दिया जाता है। दिवाली के 5 दिनों में सब लोग मौज शोख करते है और जैसे मेने ऊपर कहा पटाखे या बम जलाके वायु या ध्वनि प्रदूषण करना चाहिए नहीं। हमे पर्यावरण प्रदुषण से बचना होगा  हमारी स्वाथ्य और दुसरो के स्वाथ्य का ध्यान रखना चाहिए। 

Sunday, February 9, 2020

Hindi Essay on Rani Laxmi Bai - रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध
रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध सभी धोरण 1 से 12 के लिए लिखा गया है आप इस Hindi Essay on Rani Laxmi Bai को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


Hindi Essay on Rani Laxmi Bai - रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध


प्रस्तावना : रानी लक्ष्मीबाई भारत की वीर रानी थीं।  भारत देश के महिलाओ का गौरव थी रानी लक्ष्मीबाई। रानी लक्ष्मीबाई जिन्होंने हस्ते हस्ते रणभूमि में अपने प्राण त्याग दिए थे। सब के लिए उनका जीवन कुछ प्रेरणा लायक है क्युकी भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम जो की 1857 में लडा गया था वह संग्राम उनके रक्त से लिखा गया था। रानी लक्ष्मीबाई का मानना था की सच्चा वीर कोई भी आपत्ति औ से नहीं घभराता। वीर का चरित्र अनुकरणीय और उनका लक्ष्य उच्च स्तर का होता है। 

Hindi Essay on Rani Laxmi Bai 


रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध


रानी लक्ष्मीबाई का जीवन : 19 नवम्बर 1835 में रानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई का वास्तविक नाम मनुबाई था। जो की पेशवा राव की बहन मानी जाती थी। पेशवा राव रानी लक्ष्मीबाई को छबीली कहकर भी पुकारते थे। लक्ष्मीबाई का पालन पोषण बिठूर में हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई  लड़को और पुरुष जैसे खेल पसंद करती थी जैसे की तलवार चलना , घोड़ेसवारी ,तीर कमठा और भी कई। वैसे ही उनके अंदर पुरुष के गुण और ताकत थी।  किसी भी खतरे से लड़ लेने की हिम्मत रखती थी। लक्ष्मीबाई के हृदय में बाजीराव पेशवा ने अपनी कहानियोसे प्रेम भर दिया था। 

लक्ष्मीबाई का विवाह:-  झांसी के राजा श्री गंगाधर राव के साथ 1842 में लक्ष्मीबाई का विवाह घोषित किया गया था और 1850 में विवाह हुआ था।  उसके बाद  में उनको पुत्र की प्राप्ति हुई थी। लेकिन अफ़सोस वह तीन महीने बाद ही चल बसा और जंगाधर की तबियत ख़राब हो गयी। और फिर भी लाक्षीबाई घभरायी नहीं और हिम्मत रखकर आगे बढ़ी।  गंगाधर ने अपने परिवार के पुत्र को दत्तक ले कर अंग्रेजी सेना के सामने घोषणा की लेकिन उन्होंने उनका दत्तक पुत्र अष्विकार किया और रानी लक्ष्मीबाई को असहाय और निराधार बताकर झांसी छोड़कर जाने के लिए कहा।  लेकिन रानी लक्ष्मीबाई ने उत्तर में कहा की जब तक में जीवित हु झांसी मेरी है। 

रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध

रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध

रानी लक्ष्मीबाई की मृतु:–  1858 में ऐतिहासिक युद्ध में लक्ष्मीबाई के कहने के अनुसार टॉप और लक्ष साधकर गोले फेककर अंग्रेजी सेना के छक्के छूटा दिए थे। अंग्रेजी सेना एक मामूली स्त्री समझकर झांसी रानी पर हमला कर देते थे लेकिन लाक्षीबाई बहुत ही चतुर और शानी थी वह सेना के साथ हमेशा तैयार रहती थी और अपने राज्य में घुसने ही नहीं देती थी। लेकिन अंत में लक्ष्मीबाई को झांसी से भागना पड़ा और अंग्रेजी सेना के साथ ग्वालियर में बहुत ही युद्ध किया और उस दौरान उनकी मृत्यु हो गयी। वीरतापूर्वक उन्होंने अंग्रेजी सेना का मरते दम तक सामना किया लेकिन हार नहीं मानी। 


रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध


उपसंहार : अंग्रेजी सेना से सेनापति सम्पूर्ण सकती के साथ रानी लक्ष्मीबाई का पीछा करते थे और सही समय देखकर उनकी हत्या करदी। नारी हो कर भी अंग्रेजी सेना के जीते जी छक्के छूटा दिए थे।  उनसे कुछ प्रेरणा नारीत्व को मिलती है की वह भी पुरुष से काम नहीं है। अपने राज्य को बचाने का संघर्ष करने वाली और अपना प्राण त्यागने वाली झांसी की रानी की कहानी थी। 

Saturday, February 8, 2020

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद - Chandrashekhar Azad Essay In Hindi
Chandrashekhar Azad Essay In Hindi को सभी छात्र 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है।क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद पर निबंध को आप नए आने वाली परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद - Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


        चंद्रशेखर आजाद एक भारतीय क्रांतिकारी थे। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। चंद्रशेखर आज़ाद के पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था और उनकी माता का नाम जगदानी देवी था। वो एक गरीब परिवार से थे। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश में झाबुआ जिले में भाबरा नामक शहर में हुआ था। चंद्रशेखर को कही गुण उनके पिता में से मिले थे जैसे की ईमानदारी ,स्वाभिमानी , वचन में पक्का होना। चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्राथमिक शिक्षा भाबरा में प्राप्त की थी यही नहीं चंद्रशेखर को धनुष चलाना और तीर छोड़कर शिकार करने का भी बहोत शोख था।चंद्रेशखर आज़ाद का गांव भाबरा आज आजादनगर के नाम से जाना जाता है।  Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद


      चंद्रशेखर आज़ाद को नेतृत्व का बहोत शोख था। चंद्रशेखर 14 साल की आयु में बनारस गए थे और उन्होंने वह संस्कृत पाठशाला में पढाई की थी और उन्होंने वहा कानून भंग आंदोलन में अपना योगदान दिया था। वो जिस पाठशाला में पढ़ते थे वहा पर निशुल्क सेवा और भोजन की व्यवस्था थी। चंद्रशेखर आजाद 1920 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े और सभकुछ त्यागकर वो देश के स्वतंत्र संग्राम में जुड़ गए थे। चंद्रशेखर आजाद एक बहादुर वीर की तरह स्वतंत्र संग्राम में जुड़े थे। चंद्रशेखर आज़ाद अविवाहित थे उन्होंने ब्रह्मचारी का जीवन व्यतित किया था और उन्होंने यह ब्रह्मचारी का जीवन उस पाठशाला में भी शुरू किया था। क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद


Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

        जब वो गांधीजी क साथ आंदोलन में जुड़े थे तब वो गिरफ्तार भी हुए थे। जब वो जज के समक्ष प्रस्तुत किये गए तब चंद्रशेखर आज़ाद ने अपना नाम आज़ाद ,पिता का नाम स्वतंत्रता और जेल को उनका निवास बताया था और जेल में चंद्रशेखर को 15 कोडो की सजा भी दी गई थी और वो हर कोडे के साथ चंद्रशेखर ने वन्दे मातरम और गांधीजी  की जय का स्वर बुलंद किया था। जेल में अंग्रेजो ने चंद्रशेखर को बहोत पीटा था।  Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

       इन सब के बाद वो सार्वजनिक रूप से आजाद कहलाये थे। जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ था तब चंद्रशेखर आज़ाद उस तरफ खींचे और  हिंदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी में जुड़े थे। चंद्रशेखर आज़ाद की एक बड़ी खासियत थी की ना वो दुसरो पर जुल्म करते थे और नाही स्वयं जुल्म सहन कर सकते थे।


Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


       1919 में जलियावाला बाग में कांड हुआ था। जलियावाला कांड ने उन्हें हिलाकर रख दिया था। चंद्रशेखर उस समय पठाई कर रहे थे तभी से उनके मन में यही चल रहा था और  उसी बात पर वो ज्यादा सोचा करते थे और उन्होंने यह तय कर लिया था की वो अपने देश के लिए  कुछ भी करेंगे। जब महात्मा गाँधी द्वारा असहयोग आंदोलन ख़त्म होने पर सेकड़ो छात्रों के साथ चंद्रशेखर भी सडको पर उतर गए और आंदोलन किया और वो उसी आंदोलन में गिरफतार हुए जैसे मैंने ऊपर कहा वैसे उनको सजा दी गई थी। 1921-22 में गांधीजी द्वारा चलाये गए आंदोलन को अचानक बंध करदेने के कारण विचारधारा में बदलाव आ गया और वे क्रन्तिकारी गतिविधियों में जुड़ गए तभी से चंद्रशेखर आजाद हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसियेसन के सक्रीय सदश्य बन गए। 1 अगस्त 1925 को काकोरी कांड हुआ था। चंद्रशेखर ने क्रांतिकारी बनने  बाद पहली बार कांकोरी कांड को अंजाम दिया था और इन सब के बाद में हिंदुस्तान रिपब्लिक असोसियेशन का गठन और इसके बाद 1927 में बिस्मिल के साथ चंद्रशेखर ने उत्तर भारत की सभी क्रांतिकारी पार्टिओ को मिलाकर इन सभी को एक करके एक नया गठन किया जिसका नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसियेशन का नाम दिया। Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

      उन्होंने समाजवादी का आह्यन अल्फ्रेंड  पार्क इलहाबाद ने 1931 में किया था। ऐसे वीर चंद्रशेखर का जन्मस्थानं आजादनगर माना जाता है।