Saturday, February 8, 2020

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद - Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

Chandrashekhar Azad Essay In Hindi को सभी छात्र 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है।क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद पर निबंध को आप नए आने वाली परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद - Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


        चंद्रशेखर आजाद एक भारतीय क्रांतिकारी थे। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। चंद्रशेखर आज़ाद के पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था और उनकी माता का नाम जगदानी देवी था। वो एक गरीब परिवार से थे। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश में झाबुआ जिले में भाबरा नामक शहर में हुआ था। चंद्रशेखर को कही गुण उनके पिता में से मिले थे जैसे की ईमानदारी ,स्वाभिमानी , वचन में पक्का होना। चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्राथमिक शिक्षा भाबरा में प्राप्त की थी यही नहीं चंद्रशेखर को धनुष चलाना और तीर छोड़कर शिकार करने का भी बहोत शोख था।चंद्रेशखर आज़ाद का गांव भाबरा आज आजादनगर के नाम से जाना जाता है।  Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद


      चंद्रशेखर आज़ाद को नेतृत्व का बहोत शोख था। चंद्रशेखर 14 साल की आयु में बनारस गए थे और उन्होंने वह संस्कृत पाठशाला में पढाई की थी और उन्होंने वहा कानून भंग आंदोलन में अपना योगदान दिया था। वो जिस पाठशाला में पढ़ते थे वहा पर निशुल्क सेवा और भोजन की व्यवस्था थी। चंद्रशेखर आजाद 1920 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े और सभकुछ त्यागकर वो देश के स्वतंत्र संग्राम में जुड़ गए थे। चंद्रशेखर आजाद एक बहादुर वीर की तरह स्वतंत्र संग्राम में जुड़े थे। चंद्रशेखर आज़ाद अविवाहित थे उन्होंने ब्रह्मचारी का जीवन व्यतित किया था और उन्होंने यह ब्रह्मचारी का जीवन उस पाठशाला में भी शुरू किया था। क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद


Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

        जब वो गांधीजी क साथ आंदोलन में जुड़े थे तब वो गिरफ्तार भी हुए थे। जब वो जज के समक्ष प्रस्तुत किये गए तब चंद्रशेखर आज़ाद ने अपना नाम आज़ाद ,पिता का नाम स्वतंत्रता और जेल को उनका निवास बताया था और जेल में चंद्रशेखर को 15 कोडो की सजा भी दी गई थी और वो हर कोडे के साथ चंद्रशेखर ने वन्दे मातरम और गांधीजी  की जय का स्वर बुलंद किया था। जेल में अंग्रेजो ने चंद्रशेखर को बहोत पीटा था।  Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

       इन सब के बाद वो सार्वजनिक रूप से आजाद कहलाये थे। जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ था तब चंद्रशेखर आज़ाद उस तरफ खींचे और  हिंदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी में जुड़े थे। चंद्रशेखर आज़ाद की एक बड़ी खासियत थी की ना वो दुसरो पर जुल्म करते थे और नाही स्वयं जुल्म सहन कर सकते थे।


Chandrashekhar Azad Essay In Hindi


       1919 में जलियावाला बाग में कांड हुआ था। जलियावाला कांड ने उन्हें हिलाकर रख दिया था। चंद्रशेखर उस समय पठाई कर रहे थे तभी से उनके मन में यही चल रहा था और  उसी बात पर वो ज्यादा सोचा करते थे और उन्होंने यह तय कर लिया था की वो अपने देश के लिए  कुछ भी करेंगे। जब महात्मा गाँधी द्वारा असहयोग आंदोलन ख़त्म होने पर सेकड़ो छात्रों के साथ चंद्रशेखर भी सडको पर उतर गए और आंदोलन किया और वो उसी आंदोलन में गिरफतार हुए जैसे मैंने ऊपर कहा वैसे उनको सजा दी गई थी। 1921-22 में गांधीजी द्वारा चलाये गए आंदोलन को अचानक बंध करदेने के कारण विचारधारा में बदलाव आ गया और वे क्रन्तिकारी गतिविधियों में जुड़ गए तभी से चंद्रशेखर आजाद हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसियेसन के सक्रीय सदश्य बन गए। 1 अगस्त 1925 को काकोरी कांड हुआ था। चंद्रशेखर ने क्रांतिकारी बनने  बाद पहली बार कांकोरी कांड को अंजाम दिया था और इन सब के बाद में हिंदुस्तान रिपब्लिक असोसियेशन का गठन और इसके बाद 1927 में बिस्मिल के साथ चंद्रशेखर ने उत्तर भारत की सभी क्रांतिकारी पार्टिओ को मिलाकर इन सभी को एक करके एक नया गठन किया जिसका नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसियेशन का नाम दिया। Chandrashekhar Azad Essay In Hindi

      उन्होंने समाजवादी का आह्यन अल्फ्रेंड  पार्क इलहाबाद ने 1931 में किया था। ऐसे वीर चंद्रशेखर का जन्मस्थानं आजादनगर माना जाता है। 

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