Saturday, February 1, 2020

महाशिवरात्रि पर निबंध - Essay On Mahashivratri

Essay On Mahashivratri को सभी छात्र 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है।  महाशिवरात्रि पर निबंध को आप नए आने वाली परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।


महाशिवरात्रि पर निबंध - Essay On Mahashivratri in Hindi


भारत अनेक धार्मिक तहवारो से भरा देश है।महाशिवरात्रि भारत का एक मात्र धार्मिक त्योहार है। जो भगवान शिव के जमन्दिन पर मनाया जाता है। शिवजी हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता है। महाशिवरात्रि कृष्णपक्ष की चतुर्थी को दिन पर मनाया जाता है। जो भी भक्त शिवजी को मानते है वह लोग इस दिन को उपवास रख कर भगवान शिव की पूजा आराधना करते है। भगवान शिव के जमन्दिन को एक महाउत्सव की तरह उनकर भक्त मनाते है। महाशिवरात्रि पर निबंध


महाशिवरात्रि पर निबंध - Essay On Mahashivratri


भगवान शिव तेतीस करोड़ देवी-देवताओमे प्रमुख देव माने जाते है।भक्तो का कहना है कि शिवजी की पूजा व्यर्थ नही जाती है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव के 100 से भी ज्यादा नाम है लेकिन इसमें से कई अधिक नाम भोलेनाथ,जटाधारी,शिव,पशुपति,पर्वतिनाथ जैसे कई नमो से भक्त पूजा करते है।mahashivratri nibandh


शिवरात्रि नाम कैसे पड़ा ?


पुराणों ओर कथाओ के अनुसार भगवान संकर पशुप्रेमी थे। शिव पुराणों के अनुसार भगवान शिव 6 महीने तक कैलाश पर्वत पर तपस्या ओर तप किया करते थे । इस 6 महीने में सभी जीवजंतु एवं कीड़े मकोड़ो को भी उनकी तपस्या में मस्त कर देते थे और वह भी अपने बिलो में मस्त रहते थे। उसके तपस्या के के बाद वह फिर 6 महीने कैलाश पर्वत से उत्तर कर समसान गाठ में निवास करते थे और वह दिन कृष्ण एकादशी होती है । और इसी दिन को महाशिवरात्रि नाम से जाना जाता है। इसी कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को शिवरात्रि के दिन से मनाया जाता है।Essay On Mahashivratri in Hindi


शिवरात्रि का महत्व ?


भारत मे शिवरात्रि का महत्व बहुत है। इस दिन शिव मंदिरों में शिवजीकी मूर्तियो को स्नान करवाया जाता है और सुगन्दीदा फूलो ओर मालाओ से सजाया जाता है। इस दिन शिव के भक्त पूरा दिन उपवास रखते है और सिर्फ दूध और फल का ही सेवन करते है। अपनी सुविधा और परिस्थिति के अनुसार शिव मंदिरों में फूल ओर दूध लेकर जाते है और भगवान शिव की प्रतिमा को दूध से श्रधांजलि देते है और फल को प्रसाद के रूप में लेते है। इस दिन भगवान शिव के वाहन नंदी की भी पूजा अर्चना की जाती है और माना जाता है कि इस करने से बड़ा ही पूण्य प्राप्त होता है। भगवान शिव ने गंगा नदी को मनुष्य के उद्धार के लिए अपनी जटा में से निकल कर पृथ्वीलोक पर छोडी थी इस दिन को गंगा स्नान करने से भी पूण्य प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि पर निबंध


महाशिवरात्रि त्योहार की कथा !


चित्रभानु नामक एक शिकारी था और वह पूरा दिन सीकर कर कर अपना गुजरान ओर परिवार चला रहा था लेकिन वह साहूकार नामक एक राजा का कर्जदार था। बहुत कर्ज हो जाने से वह टाइम पर कर्ज नही चुका सका और साहूकार ने एक दिन गुस्से में आकर चित्रभानु को बंधी बना लिया । उसको पुरादिन एक कमरे में कैद करकर रख गया वह पर वो शिवरात्रि के पूजा कैसे करे और उनका क्या फल है बैठे बैठे वह पर सुनता रहा और उसने साहूकार से कहा कि वह कल ही कैसे भी करके उनका कर्ज चुका देगा । साहूकार ने एक निमित समय देकर उसे छोड़ दिया तभी वह जंगल मे शिकार के लिए निकल गया पूरे दिन एक ही कमरे में रहने की वजह से उसे बहुत ही भूख और प्यास लगी थी ।


Essay On Mahashivratri


 उसने पूरी रात जंगल मे ही बिताने का सोचा ओर वह एक बिलपत्र के पेड़ पर चढ़ गया उसे नही पता था कि नीचे शिवलिंग है। जो कि बिलपत्र के पान के नीचे है। तभी थोड़ी देर बाद एक हिरणी आयी और चित्रभानु ने उस पर निशाना ताना तभी हिरनी बोली कि में गर्भवती हु मुझे छोड़ दीजिए । डेटा खाकर उसने अपना निशाना वापस लिया उसकी वजह से बिलपत्र के कुछ पत्ते जाकर शिवलिंग पर पड़े । वह भूख था और उसने शिवलिंग पर बिलपत्र डाले तो उसकी शिवरात्रि की पहेली पूजा सम्पन्न हुई और सुरुआत हुई । थोड़ी देर के बाद एक ओर हिरण (mahashivratri nibandh) आया और फिरसे उसने निशाना उस हिरण पर लगाया तब हिरनी बोली के वह मेरे पति है उस पर दैत्य खाकर उसने निशाना वापस लिया और फिर से बिलपत्र के कुछ पान शिवलिंग पर जा गिरे। पूरे दिन से भूख रहने की वजह से शिवरात्रि का पूजन भी हो गया और जागरण भी तो उसने शिवरात्रि का रीतिरिवाज रूप पूजन किया । 

भगवान शिव ने उसके जीवन को मोक्ष के लिए यमराज को भेज ओर जब उसे यमलोक लेजाया रहा था पहले उसे कैलाश पर्वत पर लेजाया गया । ओर शिवजी ने कहा कि तूने शिवलिंग की पूजा की है इसीलिए तुझे ऐसे जिवन से मोक्ष मिल गया है । और तुझे यह अगले जन्म में याद रहेगा और तुम इस दिन को पूजा अर्चना करोगे।


उपसंहार

जैसे कि भगवान शिव ने अनजाने में किया व्रत का भी रन चुकाया वेसे ही अगर इस फिन की सही तरह की पूजा अर्चना की जाए तो भगवान शिव जरूर ही प्रसन्न होंगे और कुछ अच्छा करेंगे।प्राचीन कथाओ अनुसार यह दिन शिवभक्तों के लिए बहुत ही मूल्यवान है। इसी तरह से सभी शिवजी की पूजा महाशिवरात्रि के दिन करते है। वेसे ही हमे इस दिन दयाभक्ति से उस दिन को मनाना है और शिव के उस दिन के रात्रि को शिवरात्रि कहते है ।

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