Cow Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस गाय का निबंध को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।
भारत मे सभी प्रकार के पशु-प्राणी पाए जाते है। गाय भारत का पशु मन जाता है।यह एक दुधाडू पशुओ में समावेश किया जाता है। गाय को सब गौ माता भी बुलाते है। प्राचीन युग के लेखों में लिखा है कि गाय के अंदर सभी देवी देवताओं का वास है इसीलिए गे को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है।गाय को सभी अपने घर मे पालते है। पालतू पशु में भी गाय का समावेश किया जाता है।
गाय हमारी धरती पर लाखों सालों से विधमान है। हिन्दू धर्म के कुछ लेखों में गे को माता कहा गया है क्योंकि जैसे म हमारा कयल रखती है वेसे गाय भी दूध देकर हमारे कई सारे स्वादिस्ट भोजन को पूरा करती है। हिन्दू धर्म मे सब गाय माता को पूजते है। दूसरे देशों में गाय एक पालतू जानवर है जो कि सिर्फ दूध देता है इसीलिए रखा जाता है।भारत देश मे यह मानता है कि गाय के अंदर देवी देवताओं का वास है इलिये गाय की पूजा भी की जाती है।इसीलिए हिन्दू समाज मे गाय का महत्व बहुत है। गाय को पालने से घर का वास्तु ठीक रहता है और आने वाली कठिनाईया भी टल जाती है।इसीलिए सब गाय को गौ माता भी कहते है।
गाय को मानव दृस्टि से देखा जाए तो गाय एक मुह,दो आंख,दो कान,चार पेर,चार थन, दो सिंग ओर दो नथुने होते है।गाय को एक पूंछ होती है और जहाँपर वह खत्म होती है वह पर गाय के बालों का गुच्छा बना रहता है। पाव में खुर होता है जो गाय के लिए जूतों का कार्य करते है। गाय एकन्ध प्रजाति में सिंघ नही होते है।
प्राचीन पुराणों ओर लेखों के अनुसार नीचे के द्वारा कथाए लिखी गयी है। ब्रम्हदेव जब अमृत पी रहे थे तब एक प्रेटेक्स रुपे दूसरे मुख से हवा के साथ जाग निकला तब उसे आदि गाय सुरभि माना गया। यह एक कथा अनुसार लिखा गया है।दूसरे लेख के अनुसार दक्ष प्रजापति की साठ लडकिया थी उसमें से एक का नाम सुरभि था। पुराणों ओर कथाओ अनुसार बहुत सी ऐसी कथा हैं।
गाय एक पालतू पशु माना जाता है। यह एक दुधाडू पशु माना जाता है। गाय के दूध से अनेक वानगिया ओर जैसे कि दही,मक्खन,छास ओर पनीर । गाय का दूध बहुत ही गुणकारी साबित होता है। दूध बिगड़ता है लेकिन कुछ न कुछ काम मे आता है जैसे दूध एक दिन से ज्यादा रखे तो वह बिगड़कर दही बन जाता है।लेकिन वह खाने के काम मे आता है। सेहत बनाने के लिए दूध और मक्खन बहुत ही प्रोटीन देने का कार्य करते है। जैसे किसी को नींद नही आती हो तो पेर पर घी लगाकर सोने से अछि नींद आती है। बहुत सी वनगिया दूध के बिना नही बन सकती है।इसीलिए गाय उपयोगी है।
गाय का गुत्र से पहले के जमाने मे उसका लेप करके घर बनाये जाते थे। गाय का मूत्र अनेक रोगों से भी बचाता है।गुत्र को ऋषि मुनिओ तप और पूजन करने के लिए इस्तेमाल करते थे। वेज्ञानिको के रिसर्च के अनुसार यह साबित हुआ है कि एक चम्मच घि को आग में डालने से लगभग एक टन जितना ऑक्सीजन उत्पन्न होता है।जिससे वातावरण में ओक्षिजन का प्रमाण बनाये रखा जा सकता है।
भारत मे गाय को माता का दर्जा प्राप्त हुआ है।पुराणों के अनुसार लगभग 33 करोड़ देवी देवताओं का वास गाय में होता है। गाय को कई जगहों पर पूजा जाता है जैसी की संकर भगवान के मंदिरों में ओर सादी में भी गाय के बच्चे का पूजन किया जाता है। गाय का दूसरा नाम गोपाल भी है क्योंकि श्री कृष्ण को गाय बहुत ही पसंद थी।गाय प्राचीन युग से ही महत्वपूर्ण रही है।
गाय को पालतू ही रहने दे और इसे अच्छे खोराक खिलाये क्योंकि शहरी विस्तार में सभी प्रकार का कार्य प्लास्टिक ओर पॉलीथिन से होता है। यही कचरा गाय के पेट मे चला जाता इससे कई गाय माता की मूत्रयु हो जाते है। तो इसको आप रोक सकते है । गाय को खुला न छोड़े ओर उन्हें अच्छे खोराक का सेवन कराए।गाय मनुष्य जीवन के लिए वरदान रूप है।
Cow Essay In Hindi-गाय का निबंध
भारत मे सभी प्रकार के पशु-प्राणी पाए जाते है। गाय भारत का पशु मन जाता है।यह एक दुधाडू पशुओ में समावेश किया जाता है। गाय को सब गौ माता भी बुलाते है। प्राचीन युग के लेखों में लिखा है कि गाय के अंदर सभी देवी देवताओं का वास है इसीलिए गे को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है।गाय को सभी अपने घर मे पालते है। पालतू पशु में भी गाय का समावेश किया जाता है।
Cow Essay In Hindi
गाय हमारी धरती पर लाखों सालों से विधमान है। हिन्दू धर्म के कुछ लेखों में गे को माता कहा गया है क्योंकि जैसे म हमारा कयल रखती है वेसे गाय भी दूध देकर हमारे कई सारे स्वादिस्ट भोजन को पूरा करती है। हिन्दू धर्म मे सब गाय माता को पूजते है। दूसरे देशों में गाय एक पालतू जानवर है जो कि सिर्फ दूध देता है इसीलिए रखा जाता है।भारत देश मे यह मानता है कि गाय के अंदर देवी देवताओं का वास है इलिये गाय की पूजा भी की जाती है।इसीलिए हिन्दू समाज मे गाय का महत्व बहुत है। गाय को पालने से घर का वास्तु ठीक रहता है और आने वाली कठिनाईया भी टल जाती है।इसीलिए सब गाय को गौ माता भी कहते है।
गाय केसी दिखती हैं?
गाय को मानव दृस्टि से देखा जाए तो गाय एक मुह,दो आंख,दो कान,चार पेर,चार थन, दो सिंग ओर दो नथुने होते है।गाय को एक पूंछ होती है और जहाँपर वह खत्म होती है वह पर गाय के बालों का गुच्छा बना रहता है। पाव में खुर होता है जो गाय के लिए जूतों का कार्य करते है। गाय एकन्ध प्रजाति में सिंघ नही होते है।
गाय की उतपति कैसे हुई?
प्राचीन पुराणों ओर लेखों के अनुसार नीचे के द्वारा कथाए लिखी गयी है। ब्रम्हदेव जब अमृत पी रहे थे तब एक प्रेटेक्स रुपे दूसरे मुख से हवा के साथ जाग निकला तब उसे आदि गाय सुरभि माना गया। यह एक कथा अनुसार लिखा गया है।दूसरे लेख के अनुसार दक्ष प्रजापति की साठ लडकिया थी उसमें से एक का नाम सुरभि था। पुराणों ओर कथाओ अनुसार बहुत सी ऐसी कथा हैं।
गाय का निबंध
गाय की उपयोगिता
गाय एक पालतू पशु माना जाता है। यह एक दुधाडू पशु माना जाता है। गाय के दूध से अनेक वानगिया ओर जैसे कि दही,मक्खन,छास ओर पनीर । गाय का दूध बहुत ही गुणकारी साबित होता है। दूध बिगड़ता है लेकिन कुछ न कुछ काम मे आता है जैसे दूध एक दिन से ज्यादा रखे तो वह बिगड़कर दही बन जाता है।लेकिन वह खाने के काम मे आता है। सेहत बनाने के लिए दूध और मक्खन बहुत ही प्रोटीन देने का कार्य करते है। जैसे किसी को नींद नही आती हो तो पेर पर घी लगाकर सोने से अछि नींद आती है। बहुत सी वनगिया दूध के बिना नही बन सकती है।इसीलिए गाय उपयोगी है।
गाय का गुत्र से पहले के जमाने मे उसका लेप करके घर बनाये जाते थे। गाय का मूत्र अनेक रोगों से भी बचाता है।गुत्र को ऋषि मुनिओ तप और पूजन करने के लिए इस्तेमाल करते थे। वेज्ञानिको के रिसर्च के अनुसार यह साबित हुआ है कि एक चम्मच घि को आग में डालने से लगभग एक टन जितना ऑक्सीजन उत्पन्न होता है।जिससे वातावरण में ओक्षिजन का प्रमाण बनाये रखा जा सकता है।
गाय का धार्मिक महत्व
भारत मे गाय को माता का दर्जा प्राप्त हुआ है।पुराणों के अनुसार लगभग 33 करोड़ देवी देवताओं का वास गाय में होता है। गाय को कई जगहों पर पूजा जाता है जैसी की संकर भगवान के मंदिरों में ओर सादी में भी गाय के बच्चे का पूजन किया जाता है। गाय का दूसरा नाम गोपाल भी है क्योंकि श्री कृष्ण को गाय बहुत ही पसंद थी।गाय प्राचीन युग से ही महत्वपूर्ण रही है।
उपसंहार
गाय को पालतू ही रहने दे और इसे अच्छे खोराक खिलाये क्योंकि शहरी विस्तार में सभी प्रकार का कार्य प्लास्टिक ओर पॉलीथिन से होता है। यही कचरा गाय के पेट मे चला जाता इससे कई गाय माता की मूत्रयु हो जाते है। तो इसको आप रोक सकते है । गाय को खुला न छोड़े ओर उन्हें अच्छे खोराक का सेवन कराए।गाय मनुष्य जीवन के लिए वरदान रूप है।
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