Wednesday, February 12, 2020

Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध

Ganesh Chaturthi Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस  गणेश चतुर्थी पर निबंध  को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।  गणेश चतुर्थी भारत  मनाया जाने वाला प्राचीन त्यौहार है। 


Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध


प्रस्तावना :-  गणेश चतुर्थी भारत का एक पर्व माना जाता है। गणेश चतुर्थी हिन्दुओ का मुख्य त्यौहार है। गणेश चतुर्थी भारत के सभी राज्यों में मनाई जाती है यु कहे तो यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागो में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी महाराष्ट में बड़ी भूम धाम से मनाई जाती है वहा पर एक अलग ही रंग और बवाना देखने को मिलती है। गणेश चतुर्थी का एक बड़ा इतिहास भी है। गणेश भगवान का यह त्यौहार 11 दिनों के लिए होता है। महाराष्ट में यह केवल त्यौहार नहीं है बल्कि यह एक बड़ा उत्सव हो ऐसे लोग मनाते है। वह पर ये पर्व धूम धाम से हर्षोउल्लास , उमंग और पिरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध


गणेश उत्सव :- सब लोग कहते है और ग्रंथो के अनुशार जब  वेदव्यास जी ने महाभारत की कथा भागभन गणेश को 10 दिनों तक सुनाई थी और वो सुनते समय बागवान गणेश ने उनके नेत्र बांध कर लिए थे और जब महाभारत कथा 10 दिन बाद पूरी हुई और भगवन गणेश ने जब अपनी आंखे खोली तो उनका तापमान बहोत अधिक हो गया। ये देखकर वेदव्यास जी चिंतित हो गए थे और वेदव्यास जी ने गणेश जी को कुंड में स्नान करवाया था और तब्जके गणेश जी का तापमान कम हुआ था। इसीसलिए गणेश जी गर पर लाने  पर गणेश जी की पूजाकी जाती है। Ganesh Chaturthi Essay In Hindi


गणेश चतुर्थी पर निबंध


लोग  10 दिन गणेश जी को घर पर रखते है फिर 11 वे दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। गणेश की मूर्ति को नदीमे या फिर समुद्र के पानी में विसर्जन करते है। यह पर्व कही सालो से मनाया जा रहा है  है की पेशवाओ के शाशन के बाद गणेश उतसव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है

Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश चतुर्थी की कथा :- पौराणिक कथाओ से पता चलता है की यह कथा भगवान शंकर और माता पार्वती पर आधारित है यह कथा शिव पार्वती के पुत्र   गणेश भगवान के जन्म पर है और इसी परसे हमें पता चलता है की गणेश चतुर्थी हम क्यू मनाते है। जनेश जी का जन्म नहीं हुआ था उनका निर्माण हुआ था। गणेशजी का निर्माण माता पार्वती जी के शरीर के मैल से हुआ था। माता पार्वती उनके स्नान के दरमियान गणेश जी को स्नानघर के बहार अपने रक्षक के रूप में उनको बिठा दिया और माता पार्वती स्नान करने  चली गई और भगवान शंकर इन सभी बातो से अपरिचित थे और उनको माता पार्वती से मिलना था और गणेश जी भी भगवन शंकर से अपरिचित थे। गणेश चतुर्थी पर निबंध


Ganesh Chaturthi Essay In Hindi-गणेश चतुर्थी पर निबंध


गणेशजी को माता पार्वती के आज्ञा का पालन करना था इसीलिए उन्होंने भगवान शंकर को अंदर जाने दिया नहीं इस बात से भगवान शिव क्रोधित हुए और गणेश जी का सर धड़ से अलग कर दिया और अपने रास्ते से हटा दिया। जब माता पार्वती को इन सब का पता चला तो वो भी भगवान शिव पर क्रोधित हुई और वास्तविकता बताई और गणेश को पुनः जीवित करने को कहा और तब भगवान शिव ने सभी देवी देवताओ को बुलाया और इनका हल पूछा तो सब ने कहा की कोई ऐसे पुत्र का सिर लाओ जिसकी पीठ उसकी माता की और हो।  Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश चतुर्थी पूजा विधि:- गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की मुर्तिया घर पर स्थापित करते है। वो लोग 10 दिन तक बाप्पा की मूर्ति को घर पर रखते है और खूब सेवा अर्चना ,भजन कीर्तन ,आराधना करते है बाप्पा की आरती करते है उनका मन प्रसंद व्यंजन बनाते है प्रसाद में मोदक और लड्डू चढ़ाते है।जैसे की माना जाता है की रिद्धि सिद्धि को गणेश जी लाये थे उनके रूप में पान और सुपारी को रखा जाता है। और सिंदूर भी चढ़ाया जाता है। बाद में परिवार के साथ मिलकर गणेश जी की पूजा आरधना की जाती है और प्रसाद के रूप में लड्डू का भोग दिया जाता है। और गणेश जी के नाम का उच्चारण करते है। Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

गणेश जी के नाम : - सुमुख,कपिल, गज कर्ण, गणाध्यक्ष,लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक, विनायक, धूम्रकेतु, भालचंद्र, गजानन,एकदंत,


सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने ।मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः 
उपसंहार :- भारत त्योहारों से भरा देश है।  प्राचीन कल से यहाँ पर त्योहारों को मनाया जाता है।  गणेश चतुर्थी को प्राचीन युग से भारत देश में मनाया जाता है।  यह देश दिनों का त्यौहार सभी  जीवन में आन्नद लेकर आता है। 

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