Sunday, February 16, 2020

शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध-Shikshak Diwas Essay In Hindi

Shikshak Diwas Essay In Hindi सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के लिए लिखा गया है आप इस शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध को अपने अभ्यास और परीक्षा में उपयोग में ले सकते है।

शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध-Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक हमारे माता पिता से भी बढ़कर होते है। हमें हमारे जीवन में हमें पुस्तकीय ज्ञान के आलावा बाह्य ज्ञान भी देते है। हमारे जीवन में शिक्षक का किरदार बहोत ही खास और महत्वपूर्ण होता है।  सभी के जीवन में शिक्षक की आवश्यकता पड़ती है। शिक्षक को हम दूसरी भाषा से गुरु भी कहते है। बचपन में 5 साल तक हम अपने माता पिता के साथ रहते है हम माता पिता के साथ रहकर चलना ,हसना ,बोलना सीखते है और 5 साल बाद हम विद्यालय में प्रवेश करते और हम शिक्षक में संपर्क में आते है और वो हमें सभी प्रकार का ज्ञान देते है पुस्तकों का ज्ञान देते है हमें अच्छे विचार देते है लोग कहते है की ज्ञान ,जानकारी ,समृद्धि के वास्तविक धारक एक शिक्षक ही होते है जिनमे ये सभी चीजे होती है। shikshak diwas par nibandh

Shikshak Diwas Par Nibandh


Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक ही होते है जो हमें बिना स्वार्थ और भेदभाव के बिना अच्छे से अच्छी शिक्षा देते है। आज के आधुनिक युग में हम शिक्षा को बड़ा महत्व् देते है। शिक्षक अपने हुन्नर से ही हमें विकसित करके आगे बढ़ने का मौका देते है। अंतरास्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिन 5 ओक्टोबर को मनाया जाता है और हमारे भारत में शिक्षक दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। क्या आपको पता है की शिक्षक दिन किसके वजह से मनाया जाता है तो वो यह है की शिक्षक दिन डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण की वजह से मनाया जाता है। हमारे राष्ट्रपति डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण का जन्म 5 सितंबर को हुआ था और उन्ही की याद में हम 5 सितंबर को मनाया जाता  है। Shikshak Diwas Essay In Hindi

       डॉ. सर्वोपल्ली राधाकृष्ण भारतीय संस्कृति के संवादक ,प्रख्यात शिक्षाविद और महँ दार्शनिक भी थे और उनके साथ साथ वो हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्पति और दूसरे राष्ट्पति भी थे। एक दिन कुछ छात्रों ने और दोस्तो ने उनसे कहा के हमें आपका जन्म दिन बड़ी धूम धाम से मनाना है तब डॉ. राधाकृष्ण ने बड़ा ही प्यारा ही जवाब दिया था की आप हर साल मेरा जन्म दिन अलग अलग मानाने के बजाय आप मेरे जन्म दिन के दिन शिक्षक दिन के रूप में मनाये तो मुझे अच्छा भी लगेगा और मुझे अपने आप पर पर और तुम लोगो पर भी गर्व महसूस होगा 

Shikshak Diwas Essay In Hindi

       हमारे समाज में ऐसा कहा जाता है की शिक्षक के बिना सही रास्तो पर नहीं चला जा सकता है। पुरे विश्व में शिक्षक दिन मनाया जाता है 100 से ज्यादा देशो में शिक्षक दिन अलग अलग तारीख पर मनाया जाता है। शिक्षक हमें मार्दर्शन देते है। हंमेशा शिक्षक विद्यार्थी को अपने नियमो में बांध कर रखता है और उन्हें ऊँचा पद प्राप्त हो और बड़ा इंशान बने उसके लिए वो बहोत प्रयत्न करते है। गुरु का हर किसी के जीवन में एक बड़ा ही महत्व् होता है। हमारे भारत में प्राचीन काल से ही गुरु और शिष्य की परंपरा चली आ रही है। हमारे जीवन में हम सही ज्ञान शिक्षक से ही मिलता है। shikshak diwas par nibandh


Shikshak Diwas Essay In Hindi


       शिक्षक दिन के स्कूलों में पठाई लिखाई नहीं होती है। अभी स्कूलों में उत्सव मनाया जाता है। विद्यार्थी शिक्षक के पैर छूते है और उनको गिफ्ट देते है। स्कूलों में कही प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधिया होती है और इन गतिविधिओ में विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही भाग लेते है। शिक्षक दिवस के दिन विविध प्रकार के आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। उस दिन एक संकल्प लिया जाता है शिक्षकों में और विद्यार्थीओ में की हम गुरु शिष्य की परंपरा कायम रखेंगे। शिक्षकों का समाज में एक अलग ही स्थान दिया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन इन सब के साथ साथ डॉ.सर्वोपल्ली राधाकृष्ण को उनकी जन्म जयंती पर याद किया जाता है। Shikshak Diwas Essay In Hindi


Shikshak Diwas Essay In Hindi


      एक शिक्षक अपने शिष्य को हर परिस्थिति का सामना करना सिखाते है एक शिक्षक ही है जो अपने शिष्य को काँटों के रस्ते पर भी मुस्कुराके चलना सिखाते है। एक गुरु ही अपने शिष्य का चरित्र निर्माता होता है। शिक्षक वो नहीं होता जो विद्यार्थी के दिमाग में जबरजस्ती बात गुसाये बल्कि सही शिक्षक वही है जो एक विद्यार्थी को आदर्श बनाये और आने वाले कल की चुनोतियो का सामना करना सिखाये। शिक्षकों के महत्व् के प्रति जागृतता लाने के मकशद से इन सब की शरुआत की गई थी  

        शिक्षक दिन हर एक विद्यार्थी के लिए महत्व् पूर्ण होता है और खास भी होता है। शिक्षक दिन के दिन कुछ छात्र शिक्षक का किरार निभाते है। शिक्षक की जगह लेते है। उनके काम को समझने के लिए साल के एक दिन यानि की 5 सितंबर के दिन  विद्यार्थी शिक्षक की जगह लेते है। शिक्षक की जगह लेकर वो सभी छात्रों को पठाने जाते है और शिक्षक के काम को जानते है और उनके महत्व् को भी। शिक्षक के सही मार्गदर्शन से ही वो सहलता के सिखर को हासिल करता है। Shikshak Diwas Essay In Hindi

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