Monday, January 27, 2020

Basant Ritu Essay In Hindi- बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध

Basant Ritu Essay In Hindi को 1000 सब्दो में लिखा गया है. बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध को सभी धोरण 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के विधार्थी अपने उपयोग में ले सकते है। 

Basant Ritu Essay In Hindi-  बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध


   भारत विविद ऋतुओ से भरा एक देश है । जहाँ पर सर्दी,गर्मी,ओर बसंत जैसी ऋतुओ का समावेश होता है । पृथ्वी के इस ऋतु चक्र में अलग अलग ऋतुओ आती जाती रहती है । वसंत ऋतु शीत के बाद आती है । फ़रवरी ओर मार्च महीने में बसंत ऋतु का आगमन होता है । बसंत ऋतु सुहावनी होती है । इस ऋतु में वायु जलवायु होती है क्योंकि गर्मी की बहुत ही कमी रहती है और सबको ऐसी ठंड भारी हवा बहुत ही पसंद है । इसीलिए बसंत ऋतु सबकी पसंदीदा ऋतु मानी जाती है । ओर इसीलिए बसंत ऋतु को ऋतुओ का ऋतुराज कहा जाता है । बसंत ऋतु मनमोहक ऋतु मानी जाती है क्योंकि इस ऋतु में सरसों,गुलाब,मोगरा ओर चमेली जैसे सुगन्दीदा फूलो में एक प्यारी सी महक लाता है । essay on basant ritu


Basant Ritu Essay In Hindi


ऋतुओ का राजा :  भारत के विविध ऋतु ओ भारत माता का एक श्रीनगार है , हमारे देश की प्रकृति की शोभा बढ़ाती है। वेसे ही सबकी पसंदीदा यह ऋतु फूलो में महक और हरियाली लाती है , इसलिए सबकी पसंदीदा ऋतु मानी जाती है । और इसी वजह से बसंत ऋतुको ऋतुओ का राजा कहा जाता है।


Basant Ritu Essay In Hindi-  बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध


बसंत ऋतु की महत्वता :  बसंत ऋतु के बाद गर्मियां सुरु होने लगती है। इसीलिए इस ऋतु में न तो ज्यादा ठंडी न तो ज्यादा गमी होती है। जैसे ही बसंत ऋतु में प्रवेश होता है पेड़ के पुरानी पत्तिया ओर पान गिर जाते है और नए पान ओर पत्तिया लगती है । चारो तरफ एक हरियालि छा जाती है। ओर पेड़ो में चार चांद जैसी सोभा लग जाती है। वनस्पति ओर हरियाली प्राणिजगत को भी प्रभावित करता है। हर एक नई सुबह मानवीय समुदाय रजाइ ओर बिस्तर मेसे निकल कर एक प्यारी सी अंगड़ाई लेने लगता है। हरियाली की वजह से वसंत ऋतु की एक पीली साड़ी भारत माता ने पहनी हो वैसा लगता है । फूलो के साथ तितलियां खेलती है वैसे लगता है जैसे एक मधुर रंगों को फूल में परोच रह हो । कोयल की कुहू से लेकर तितलियों के जिंजिनत से मधुर ध्वनि उत्पन होती है। भमरे गुनगुनाहट के साथ फूलो पर मंडराते है और ध्वनि मेंएक सुर भर देते है।वसंत ऋतु को संसितोसन ऋतु भी कहा जाता है ।इस ऋतु का सभी मानवीय समुदाय,प्राणीयो ओर जीवजंतु भी आंनद लेते है। vasant ritu nibandh in hindi

बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध


बसंत ऋतु का आगमन : बसंत ऋतु पतझड़ ऋतु के बाद सुरु होती है देखा जाए तो यह ऋतु 15 फरवरी से लेकर 15 अप्रिल तक का सफर इस ऋतु को समावेश करता है । इस ऋतु में मौसम बड़ा ही सुहावना ओर ठंडी से भरा होता है । इसलिये मानवीय समुदाय को इस ऋतु में प्रवास ओर गुमने जाने में बड़ा ही मजा आता है । प्रकृति में चारो ओर वसंत ऋतु का एक अनोखा प्रभाव रहता है । बसंत के आगमन पर किसानों अपने जमीन पर बीज बोना सरयू कर देते है और नई फसल उगाते है। सरसो के पीले फूल सर उठाकर नई महक के साथ बसंत ऋतु का राजा की तरह आगमन करते है।


बसंत ऋतु पर हिंदी निबंध


    तालाब में एक ठण्डे पानी की लहर के साथ कमल खिलते है और मानव जीवन को एक संकेत देते है कि दुख को भूलकर आनंद के साथ इस ऋतु का मजा लो । भारत मे कई कवियों का कहना है कि कुछ नई कविताए ओर लेख इस ऋतु में बाहर की ठंडी में बैठकर लिखा जाता है। मानवीय सरीर में इस ऋतु का एक अलग प्रभाव होता है और मानव शरीर मे रक्त बनता है। बसंत ऋतु में चारो ओर दिशाए खुली ओर आसमान नील रंग का बन जाता है। दक्षिण दिशा में वायु मंद ओर सीतल होती है।

बसंत पंचमी का त्योहार :   बसंत पंचमी का त्योहार बसंत ऋतु की शरुआत में आता है । इस दिन को ज्ञान की देवी माँ शारदा के जन्मतिथि पर मनाया जाता है। माना जाता है कि जब ब्रम्ह देव पृथ्वी का सृजन कर रहे थे तब एक अनोखी सक्ति ओर मधुर वाणी के साथ विणा की देवी माँ शारदा का जन्म हुआ इसी दिन को बसंत पंचमी के नाम से मनाया जाता है। nibandh on basant ritu

    इस दिन सभी स्त्री पिले रंग का साड़ी पहनती है और देवी सरस्वती की पूजा करती है। ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा को हरेक स्कुलो ओर सरकारी छात्रो में रखकर पूजा और अर्चना की जाती है। इस दिन को विरहक़ीक़तराय की मृत्यु हुई थी इसीलिए भी इस दिन का महत्व बढ़ जाता है। वीर हकीकत धर्म के प्रति अडिग रहते थे।इसीलिए इसे हमे प्रेरणा मिलती है कि हिमे अपने सिद्धान्त ओर धर्म के प्रति अडिग रहना चाहिए।

उपसंहार :  बसंत ऋतु ऋतुओ का राजा है । इस ऋतु में हवा जलवायु की तरह होती है।इस ऋतु में स्वत सरीर बनाया जा सकता है । भगवान की तरफ से वरदान है इस ऋतु का ।  इस प्यारी सी बसंत ऋतु का आनंद लेना चाहिए ।

Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: