होली पर हिन्दी निबंध सभी क्लास के बच्चो के लिए हिंदी में लिखा गया है। Holi Essay In Hindi को सभी छात्रों के विधार्थी परीक्षा में तयारी के लिए ले सकते है।
होली रंगो का एक भारतीय त्यौहार है। होली का पर्व दिवाली के बाद का सबसे त्यौहार माना जाता है। होली त्यौहार का होली नाम "होलिका" पर से उतर कर आया था। होलिका पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा को कृष्ण प्रतिपदा में मनाया जाता है। भारतीय सभी पर्व कोई न कोई प्राचीन घटना के ऊपर आधारित है। होली का दोस्त को दोस्त से परिवार को परिवार से रंगो के साथ जोड़ता है और उनके जीवन में रंगो का आगमन करता है। होली के पीछे कई घटना इ घटी है जो सतयुग में बहुत वर्षो पहले की है। होली पर हिन्दी निबंध
आर्यव्रत राज्य में हिरण्यकश्यप नमक राजा था। इस राजा को ब्रह्मदेव की और से कुछ विशेष शक्ति मिली हुई थी। इसीलिए वो अपने आपको ही भगवान् मान रहा था। वह अपने सम्पूर्ण राज्य को डराता था और उनसे खुदकी पूजा करवाता था। इस राजा का प्रह्लाद नामक पुत्र था। उसको एक ऋषि ने रामनाम जप करने को बोलै था। ऋषि की यह बात मन कर प्रह्लाद "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जप कर रहा था। यह बात उनके पिता हिरण्यकश्यप को भयभीत करने लगी , की जबी उनका ही पुत्र उनकी पूजा नहीं कर रहा है। तभी हिरण्यकश्यप ने निर्णय लिया की वह प्रहलाद को पर देगा। Holi Par Nibandh Hindi
हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने की बहुत ही कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तभी उनके मन में विचार आया होलिका के बारेमे होलिका को भगवन संकर की तरफ से एक ऐसा वस्त्र मिला था की अगर वो उसे पहनकर कोई भी आग में जाये तो वस्त्र के कारन उसे कुछ भी नहीं होगा। इस बात को हिरण्यकायप ने फायदा उठाते हुए "होलिका" से मदद मागि। दोनों ने प्रहलाद को मारने का षड़यंत्र रचा। होली पर हिन्दी निबंध
और होलिका हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद को जलते आग में लेकर बेथ गयी। लेकिन भगवन विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाफ की रक्षा करने के लिए तेज़ तूफान लाये और होलिका के सरीर से वह जादुई वस्त्र को उदा कर तूफान की जपत में ले लिया। और होलिका जल गयी लेकिन प्रहलाफ को कुछ होने नहीं दिया। तब से इस दिन को होली के नाम से मनाया जाता है। सतयुग के इस प्राचीन घटना को होली के त्यौहार के रूप से मनाया जाता है। यह एक बुराई पर अच्छाई की घटना है। Holi Par Nibandh Hindi
होली के इस फाल्गुनी मास को फसल पाक जाती है और किसान भी होली को धाम धूम से मनाते है। बच्चो को इस त्यौहार का बड़ा ही मजा आता है क्युकी यह रंगो का एक धार्मिक त्यौहार है। इस दिन को रिस्तेदार दोस्त और सभी सबंधी अपने लड़ाई-जगडे भूल कर एक साथ इस त्यौहार को मानते है। घरो में मिठाई और गुंजिया बनायीं जाती है और आस पास के सभी लोग मिल बाटकर कहते है। भारत के सभी जगहों पर होली मनाई जाती है लेकिन भ्रज की होली और मथुरा वृन्दावन की होली की बात ही अलग है। यहाँ पर होली सबसे ज्यादा और बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है। होली पर हिन्दी निबंध
यह होली का पर्व और शिलशिला सालो से चल रहा है। कहने के लिए तो होली एक हिन्दू धर्म का त्यौहार है लेकिन भारत में सभी जातिओ वाले लोग इस त्यौहार को मनाते है और होली का आंनद लेते है। लेकिन आज कल इस त्यौहार को मानाने का रिवाज ही अलग हो गया है। बहुत ही केमिकल से भरे रंगो का प्रयोग किया जाता है। और गुब्बारे रंगो से भरे होते है इनसे होली मनाई जाती है।
होली रंगों का एक भारतीय त्योहार है। होली को दीवाली के बाद का त्योहार माना जाता है। होली त्योहार का नाम "होलिका" से पड़ा। होलिका उत्सव फाल्गुनी पूर्णिमा को कृष्ण प्रतिपदा को मनाया जाता है। सभी भारतीय त्योहार किसी प्राचीन घटना पर आधारित हैं। होली दोस्त को परिवार से परिवार में जोड़ता है और रंगो उनके जीवन में आता है। सतयुग में कई साल पहले हुई होली के पीछे कई घटनाएं हुई हैं।Holi Essay In Hindi
हिरण्यकश्यप आर्यव्रत साम्राज्य में नमक राजा था। इस राजा के पास ब्रह्मदेव की कुछ विशेष शक्ति थी। इसलिए वह खुद को भगवान मान रहा था। वह अपने पूरे राज्य को भयभीत करता था और उसे स्वयं पूजा करता था। इस राजा का एक पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था। एक ऋषि ने उन्हें रामनाम का जाप करने के लिए कहा। प्रह्लाद ऋषि के वचन सुनकर "ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जाप कर रहे थे। यह बात उसके पिता हिरण्यकश्यप को डर लगने लगी, जबकि उसका अपना पुत्र उसकी पूजा नहीं कर रहा है। तब हिरण्यकश्यप ने फैसला किया कि वह प्रह्लाद को दे देगा।
हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तब उन्हें होलिका के बारे में विचार आया, होलिका को भगवान हाइब्रिड से ऐसा कपड़ा मिला था कि अगर वह इसे पहनकर आग में चली जाती है, तो कपड़े के कारण उसे कुछ नहीं होगा। इसका लाभ उठाते हुए, हिरण्यकश्यप ने "होलिका" से मदद मांगी। दोनों ने प्रह्लाद को मारने की साजिश रची।Holi Essay In Hindi
और होलिका हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद को जलती हुई आग के पास ले गई। लेकिन भगवान विष्णु अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए एक मजबूत तूफान लाए, और होलिका के शरीर से वह जादुई वस्त्र लेकर तूफान में ले गए। और होलिका जल गई लेकिन प्रहलाद को कुछ नहीं करने दिया। तब से इस दिन को होली के रूप में मनाया जाता है। सतयुग की इस प्राचीन घटना को होली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की घटना है।
होली के इस फाल्गुनी महीने पर फसल पकती है और किसान भी बहुत धूमधाम और शो के साथ होली मनाते हैं। बच्चे इस त्योहार का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि यह रंगों का धार्मिक त्योहार है। इस दिन, दोस्तों और सभी रिश्तेदारों, अपनी लड़ाई को भूलकर इस त्योहार को एक साथ मनाते हैं। मिठाई और गुंजा घरों में बनाई जाती है और आसपास के सभी लोगों को मिल कहा जाता है। होली भारत के सभी स्थानों में मनाई जाती है, लेकिन भोज की होली और मथुरा वृंदावन की होली की बात ही अलग है। होली यहाँ सबसे अधिक और बहुत भव्य रूप से मनाई जाती है।Holi Par Nibandh Hindi
यह होली का त्यौहार और शिलाशिला सालों से चल रहा है। कहने को तो होली हिंदू धर्म का त्योहार है, लेकिन भारत में सभी जातियों के लोग इस त्योहार को मनाते हैं और होली का आनंद लेते हैं। लेकिन आजकल इस त्यौहार को मनाने का रिवाज कुछ अलग ही रहा है। बहुत रासायनिक भरे हुए रंगों का उपयोग किया जाता है। और गुब्बारे रंगों से भरे होते हैं, उनके साथ होली मनाई जाती है।Holi Essay In Hindi
ऐसे ही एजुकेशन से भरे निबंध और एस्से के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करे।
होली पर हिन्दी निबंध
होली रंगो का एक भारतीय त्यौहार है। होली का पर्व दिवाली के बाद का सबसे त्यौहार माना जाता है। होली त्यौहार का होली नाम "होलिका" पर से उतर कर आया था। होलिका पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा को कृष्ण प्रतिपदा में मनाया जाता है। भारतीय सभी पर्व कोई न कोई प्राचीन घटना के ऊपर आधारित है। होली का दोस्त को दोस्त से परिवार को परिवार से रंगो के साथ जोड़ता है और उनके जीवन में रंगो का आगमन करता है। होली के पीछे कई घटना इ घटी है जो सतयुग में बहुत वर्षो पहले की है। होली पर हिन्दी निबंध
हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने की बहुत ही कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तभी उनके मन में विचार आया होलिका के बारेमे होलिका को भगवन संकर की तरफ से एक ऐसा वस्त्र मिला था की अगर वो उसे पहनकर कोई भी आग में जाये तो वस्त्र के कारन उसे कुछ भी नहीं होगा। इस बात को हिरण्यकायप ने फायदा उठाते हुए "होलिका" से मदद मागि। दोनों ने प्रहलाद को मारने का षड़यंत्र रचा। होली पर हिन्दी निबंध
और होलिका हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद को जलते आग में लेकर बेथ गयी। लेकिन भगवन विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाफ की रक्षा करने के लिए तेज़ तूफान लाये और होलिका के सरीर से वह जादुई वस्त्र को उदा कर तूफान की जपत में ले लिया। और होलिका जल गयी लेकिन प्रहलाफ को कुछ होने नहीं दिया। तब से इस दिन को होली के नाम से मनाया जाता है। सतयुग के इस प्राचीन घटना को होली के त्यौहार के रूप से मनाया जाता है। यह एक बुराई पर अच्छाई की घटना है। Holi Par Nibandh Hindi
होली के इस फाल्गुनी मास को फसल पाक जाती है और किसान भी होली को धाम धूम से मनाते है। बच्चो को इस त्यौहार का बड़ा ही मजा आता है क्युकी यह रंगो का एक धार्मिक त्यौहार है। इस दिन को रिस्तेदार दोस्त और सभी सबंधी अपने लड़ाई-जगडे भूल कर एक साथ इस त्यौहार को मानते है। घरो में मिठाई और गुंजिया बनायीं जाती है और आस पास के सभी लोग मिल बाटकर कहते है। भारत के सभी जगहों पर होली मनाई जाती है लेकिन भ्रज की होली और मथुरा वृन्दावन की होली की बात ही अलग है। यहाँ पर होली सबसे ज्यादा और बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है। होली पर हिन्दी निबंध
यह होली का पर्व और शिलशिला सालो से चल रहा है। कहने के लिए तो होली एक हिन्दू धर्म का त्यौहार है लेकिन भारत में सभी जातिओ वाले लोग इस त्यौहार को मनाते है और होली का आंनद लेते है। लेकिन आज कल इस त्यौहार को मानाने का रिवाज ही अलग हो गया है। बहुत ही केमिकल से भरे रंगो का प्रयोग किया जाता है। और गुब्बारे रंगो से भरे होते है इनसे होली मनाई जाती है।
Holi Essay In Hindi
होली रंगों का एक भारतीय त्योहार है। होली को दीवाली के बाद का त्योहार माना जाता है। होली त्योहार का नाम "होलिका" से पड़ा। होलिका उत्सव फाल्गुनी पूर्णिमा को कृष्ण प्रतिपदा को मनाया जाता है। सभी भारतीय त्योहार किसी प्राचीन घटना पर आधारित हैं। होली दोस्त को परिवार से परिवार में जोड़ता है और रंगो उनके जीवन में आता है। सतयुग में कई साल पहले हुई होली के पीछे कई घटनाएं हुई हैं।Holi Essay In Hindi
हिरण्यकश्यप आर्यव्रत साम्राज्य में नमक राजा था। इस राजा के पास ब्रह्मदेव की कुछ विशेष शक्ति थी। इसलिए वह खुद को भगवान मान रहा था। वह अपने पूरे राज्य को भयभीत करता था और उसे स्वयं पूजा करता था। इस राजा का एक पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था। एक ऋषि ने उन्हें रामनाम का जाप करने के लिए कहा। प्रह्लाद ऋषि के वचन सुनकर "ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जाप कर रहे थे। यह बात उसके पिता हिरण्यकश्यप को डर लगने लगी, जबकि उसका अपना पुत्र उसकी पूजा नहीं कर रहा है। तब हिरण्यकश्यप ने फैसला किया कि वह प्रह्लाद को दे देगा।
हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तब उन्हें होलिका के बारे में विचार आया, होलिका को भगवान हाइब्रिड से ऐसा कपड़ा मिला था कि अगर वह इसे पहनकर आग में चली जाती है, तो कपड़े के कारण उसे कुछ नहीं होगा। इसका लाभ उठाते हुए, हिरण्यकश्यप ने "होलिका" से मदद मांगी। दोनों ने प्रह्लाद को मारने की साजिश रची।Holi Essay In Hindi
और होलिका हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद को जलती हुई आग के पास ले गई। लेकिन भगवान विष्णु अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए एक मजबूत तूफान लाए, और होलिका के शरीर से वह जादुई वस्त्र लेकर तूफान में ले गए। और होलिका जल गई लेकिन प्रहलाद को कुछ नहीं करने दिया। तब से इस दिन को होली के रूप में मनाया जाता है। सतयुग की इस प्राचीन घटना को होली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की घटना है।
होली के इस फाल्गुनी महीने पर फसल पकती है और किसान भी बहुत धूमधाम और शो के साथ होली मनाते हैं। बच्चे इस त्योहार का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि यह रंगों का धार्मिक त्योहार है। इस दिन, दोस्तों और सभी रिश्तेदारों, अपनी लड़ाई को भूलकर इस त्योहार को एक साथ मनाते हैं। मिठाई और गुंजा घरों में बनाई जाती है और आसपास के सभी लोगों को मिल कहा जाता है। होली भारत के सभी स्थानों में मनाई जाती है, लेकिन भोज की होली और मथुरा वृंदावन की होली की बात ही अलग है। होली यहाँ सबसे अधिक और बहुत भव्य रूप से मनाई जाती है।Holi Par Nibandh Hindi
यह होली का त्यौहार और शिलाशिला सालों से चल रहा है। कहने को तो होली हिंदू धर्म का त्योहार है, लेकिन भारत में सभी जातियों के लोग इस त्योहार को मनाते हैं और होली का आनंद लेते हैं। लेकिन आजकल इस त्यौहार को मनाने का रिवाज कुछ अलग ही रहा है। बहुत रासायनिक भरे हुए रंगों का उपयोग किया जाता है। और गुब्बारे रंगों से भरे होते हैं, उनके साथ होली मनाई जाती है।Holi Essay In Hindi
ऐसे ही एजुकेशन से भरे निबंध और एस्से के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करे।
0 comments: