Thursday, April 30, 2020

Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh (Essay) For Students
Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use  Essay on Kisan Ki Atmakatha In Hindi in their examination and speech. किसान की आत्मकथा पर निबंध are included for children.

      भारत कृषिप्रधान देश है ऐसा सालो से कहा जाता है। भारत में सबसे ज्यादा किसान थे और यहाँ की मिटटी बहुत ही अनाज पैदा करती है।  किशान भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकता है। किशान पुरे देश को खिला ने की ताकत रखता है।  आज इस निबंध में हम किशन की आत्मकथा लिखंगे। भारत के 75% लोग किसान के आंकडेमे आते है।  लेकिन किशान को गरीबी रेखा मेही रहते देखा है। यह एक आश्चर्यजनक बात हे जो पुरे देश की भूख मिटाता है वही गरीब है। वह सबसे ज्यादा महेनत कड़ी धुप में भी करता है लेकिन किशानो को उनकी हक़ की मुड़ी नहीं मिलती है। Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh


Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh (किसान की आत्मकथा पर निबंध)


प्रतावना :-

       Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh मेरा नाम विजय है और में एक किशान हु। में एक छोटे से गांव में रहता हु और यहाँ रहकर खेती करता हु। खेती करने से मेरा और मेरे परिवार का गुजारा हो जाता है। भारत कृषिप्रधान देश है और सभी किशान भाईओ की तरह मिलकर पुरे भारत देश में अनाज की कभी कमी नहीं होने देते। मेरे पास जमीन है और में सभी जमीन में अलग अलग प्रकार के बीज बोकर खेती करता हु। मेरे खेत में बेल और गाड़िया खेती के साधनरूप से बाँधी हुई है। यह बैलगाड़िया मुझे खेती करने में सहायरूप बनती है। सुबह उठकर बेलो को नहलाता हु और उन्हें लेकर खेत की और निकलजाता हु। मेरा मानना है की सभी किसान ईमानदार और महेनतु होते है। 


किसान की आत्मकथा पर निबंध
Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh
Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh

       भूमि की जुटाई करने में बेल काम में आते है। उसके पीछे हम बीज बोते है।  यह कार्य हर बार अलग अलग खेत में विब्भिन्न प्रकार के बीज के साथ होता है। बीज बोन के बाद उसे पानी देना जरुरी होता है।  इसीलिए हम नजदीकी तालाब या फिर नहेर से पाइपलाइन द्वारा हरेक जमींन में पानी को फैलते है।(किसान की आत्मकथा पर निबंध)जितना अच्छा पानी मिलेगा उतना ही अच्छी खेती होती है।  पानी के साथ खातर भी मिलाना पड़ता है। खातर खेत की फसल को ज्यादा वजनदार और बड़े दाने बनाती है। चाहे सर्दी , गर्मी या फिर बारिश मुझे मेरे खेत और बेल की देखभाल करनी ही पड़ती है।  में साल के तिनसों पैसठ दिन काम करता हु तब जाके मेरा परिवार अपना गुजारा कर पाता है। चाहे तेज बारिश हो में खेत में बीज बोने का काम करता हु।गर्मियों में कई बंजर जमीन को खोदकर उसे खातर और पानी देकर उपजाऊ बनाना पड़ता है। गर्मी की वजह से बहुत पसीना बहता है लेकिन में चिंतित नहीं हु क्युकी यही पसीने की वजह से में स्वस्थ भी हु। 

        सर्दिया आती है तब सब अपने अपने घरो में रजाई ओढ़कर सो जाते है लेकिन में नहीं सो सकता क्युकी सर्दियों में जंगली जानवर फसल बिगाड़ देते है इसीलिए में खेत में जाकर पेड के पास बैठता हु और रातभर फसल की देखभाल करता हु। हमार ज्यादातर समय खेत में ही बिट जाता है।  जब फसल उग जाती है हम परिवार के साथ उसे काटते है और अनाज निकालकर बेचने शहर जाते है।  इतनी महेनत के बाद उगाई हुई फसल का हमें पूरा पैसा नहीं मिलता क्युकी बीचमे बेचने वाले ही आधा पैसा खा जाते है। किशानो की आपको मदद भी करनी चाहये सरकार द्वारा ऐसे कमीशन खाने वाले लोगो पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।  इतनी कठिनाईओ के बाद खेड हर नहीं मानता इसीलिए खेडूत को प्रकृति का पुत्र भी कहा जाता है। 

खेती पर मेरी राय 

में गरीब हु इसीलिए में विज्ञानंद्वारा खेती के साधनो का उपयोग नहीं कर सकता और मुझे पुराणी परंपरा के अनुसार खेती करनी पड़ती है। भारतकी खेती मानसून पर आधारित है कई बार उनकी ऋतु की वजह से बड़ी बड़ी फैसले भी नस्ट हो जाती है। यह मेरे जैसे किसान के लिए बहुत ही बड़ा नुकसान हों सकता है। इसीलिए हम गरीब ही रहते है और हमें अच्छी जगह रहने को नहीं मिलता और कई बीमारियों से पीड़ित भी होना पड़ता है। 

इस प्रकार मानसून किशानो की फसल बिगड़ता है और कई बार बारिश भी ज्यादा होने की वजह से बाढ़ आयति है यह एक कृषि के लिए बाढ़ अभिशाप बन जाता है। बारिश खेती के लिए अत्यत जरुरी है।  पुरे साल किशान बारिश का इंतजार करते है। लेकिन बारिश जरुरत की हो तभी सफल होती है ज्यादा बारिश बाढ़ लाती है। किसान की आत्मकथा पर निबंध

किशानो को सरकारी मदद :-

भारत किशानो की वजह से चलता है इसीलिए सरकार द्वारा किशानो को औजार और वैज्ञानिक खेती औजार मिलने चाहिए और नयी कृषि पद्धति के बारेमे किसान को जागृत बनाना चाहिए। अच्छी सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देना चाहिए। आज किशानो की मदद सरकार कर रही है।  जब की पहले किशानो को खेती करना बहुत मुश्किल साबित होता था। लेकिन आज सर्कार द्वारा कई योजना किशानो के लिए अमल में आयी है जैसे की सहकारी समिति योजना हर गांव में अमल में आ गयी है। किसान को सरकार द्वारा अब कुछ खास बढ़ावा मिल रहा है। Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh


Kisan Ki Atmakatha Essay In Hindi

Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh
Kisan Ki Atmakatha In Hindi Nibandh

भूमि का वितरण , बंजर भूमि को खेती लायक बनाना , भूमि को जोतना सब सुधारा हो गया है जिससे भारत के किशान गरीबी रेखा से निकलकर माध्यम वर्गीय जनता बन रहे है।  किशानो का जीवनस्तर ऊपर आ रहा है। और भी सरकार किशानो को बढ़ावा दे तो हमारे देश का किसान एक समृद्ध और अच्छा जीवन बिता सकते है। 

उपसंहार :-

किशानो की वजह से भारत देश में अन्न की कमी नहीं होती है इसीलिए सर्कार और आप सभी को मिलके किशानो को जागृत कर अच्छी फसलों के लिए प्रेरित करना होगा।हमें इस्नसे सिख मिलती है की कई कठिनाइया जीवन में आये पीछे नहीं हटना और महेनत करते रहना चाहिए। जब खुस रहेगा किशन तभी तो आगे बढ़ेगा भारत।  देश की अर्थव्यवथा के लिए किशानो का भी बड़ा योगदान है। किसान की आत्मकथा


#हिंदीनिबंध 

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Wednesday, April 29, 2020

Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi For Students
Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi in their examination and speech. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध are included for children.

    "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ" यह  योजना है  स्त्री के अधिकार के लिए बनाई गयी है। परिवार में स्त्री और पुरुष दोनों की जरुरत होती है।  एकेले पुरुष समाज और परिवार को नहीं चला सकते हे।  जीवनचक्र पुरुष और स्त्री को एक जैसा बताता है। नारी का जितना भी सम्मान करेंगे उतने ही आपके परिवार और घरो में सुख और शांति का विकाश होगा।   देश में स्त्री की गटती संख्या देख सब परेशां है।  स्त्री की संख्यामे गटाड बहुत ही चर्चित विषय भी बन चूका है। इसीलिए सर्कार द्वारा "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ" योजना को लागु किया सिर्फ यही नहीं नारी शिक्षा, नारी सशक्तिकरण ,नारी सकती , लाड़ली योजना को भी लागु किया है।  महिलाओ को उनका अधिकार मिलना चाहिए इसीलिए ऐसी योजनाए सरकार द्वारा बनाई जाती है। 

Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi


प्रस्तावना:-

         Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi कई सालो से स्त्री पर अत्याचार करते आ रहे है।  आपको पता हे की भारत के पिछले पन्नो का स्मरण करे तो एक राजा की 50 और 100 रानियाँ हुआ करती थी।  तब से स्त्री का अधिकार स्त्री को नहीं मिल रहा है। माता सीता भी श्री राम की पत्नी हो कर रावण का सामना करना पड़ा था वैसे ही यह कलयुग का रावण हर घर में होता ही है। केवल पुत्र की आशा रखने वाले लोग लिंग की पहचान करवाते है और बेटी हो तो उनकी हत्या कर देते है।भारत वर्ष 1961 से लिंग अनुपात की वजह से स्त्री के आंकडेमे भारी गटाड सामने आया है।  2011 में 1000 पुरुष के सामने स्त्री की संख्या 918 है।  यह मामूली गटाड नहीं है क्युकी इसमें छुपी लोगो की सोच बदलनी है। लड़किया सभी काम कर सकती है।  देश की प्रगति में भी उनका अमूल्य योगदान रहेगा। महिलाए पुरुष से कम नहीं है वह उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल सकती है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध



essay on beti padhao beti bachao in hindi
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ क्या है ?

       बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ भारत के वडाप्रधान  नरेंद्र मोदी द्वारा स्त्री के अधिकारों के लिए सरु की गयी योजना है।  देश में वास्तिविषय के आंकडेमे काफी भारी गटाड स्त्री का दिख रहा है।  यह एक चर्चामय विषय बन चूका था। 2015 में यह योजना की शरुआत की गयी। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का सभी नारा लगाने लगे।  इस योजना के माध्यम से स्त्री के जो अधिकार है वह उनको सोपना है। कई समाज का यह मानना था की सिर्फ लड़का ही हो यह एक शर्मनाक बात है।  जितने ही पुरुष के अधिकार है उतने स्त्री के भी होने चाहिए।सिर्फ लड़के ही नहीं दूसरे देशों में स्त्री भी काम करके समान वेतन का हक़दार बन गयी है। यह योजना का एक ही उदेश्य है समाज में महिला के प्रति सबको जागृत करना और महिला पर हो रहे अत्याचार को कम करके नारी शिक्षा को बढ़ावा देना। 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य

      सामान्य भाषा में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य समाज में  स्त्री के प्रति हो रहे अत्याचार को कम करना लोगो को जागृत करके स्त्री को अपना अधिकार सोपके नारी शिक्षा में बढ़ावा करना। 

  • कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना 
  • बालिकाओ को शिक्षा की और जागृत करना। 
  • महिलाओ की सुरक्षा करना 
  • स्त्री को अपना अधिकार देना

      यह बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना भारत के हर बालिका और स्त्री के पास पहुंचे इसीलिए सर्कार ने 100 करोड़ का इस योजना में खर्च करने का एक अनुमान लगाया है। केंद्र के सत्तर पर यह योजना को नियंत्रण करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कार्य दिया गया है। Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के लाभ 

       अगर आप समाज को जागृत करके बेटी और महिलाओ के प्रति योगदान देंगे तो इस प्रकार के लाभ होंगे और देश प्रगति की और जायेगा। इस योजना के माध्यम से बाल विवाह बहुत हद तक कम हो जायेगा।  लिंग अनुपात करने से बेटी का गटाड नहीं होगा।  इसकी वजह से भ्रूण हत्या पर रोकथाम हो जायेगा।  लिंग अनुपात और भ्रूण हत्या के प्रति सर्कार द्वारा कई महिला कानून बनाये गए है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्य 

      बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का कार्य महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालयको सौपा गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में कोई भी फीस नहीं लगती है अगर आपसे कोई इस बाबत में पैसे मांग रहा है तो आप कम्नुनी कार्यवाही कर सकते हैं। 

उपसंहार:-

     लड़कीओ और बेटियों का शोषण सिर्फ अशिक्षा की वजह से होता है यह मेरा मानना है।  अगर आपको आपकी सोच बदलनि है तो शिक्षित होना पड़ेगा।  अपनी बेटियों को पढ़ाई करवाए और समाज के प्रति आगे लाये। प्रधानमंत्री की यह योजना को आवकार करे। 

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi 


प्रस्तावना : 

    बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अर्थ ये होता है की लड़कीओ को बचाना और उन्हें शिक्षित करना। हमारे भारत आज तेजी से विकसित होता जा रहा है और सबसे आगे जाने की दौड़ में लगा हुआ है फिर भी हमारा भारत एक बात पर बहोत ही पीछे है वो लड़कियों के बारे में है आज भी हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या के केस बढ़ते ही जा रहे है। एक तरफ लोग चाँद पर जाने की बाते कर रहे है और दूसरी और हमारे भारत की बहु बेटिया घर से बहार निकलनेसे भी डर रही है इस बात से ये जरूर साबित होता है की हमारा भारत देश पुरे का पूरा पुरुष प्रधान है जहा पुरुषो की संख्या ज्यादा है और यहाँ सिर्फ पुरुषो का शासन चलता है।Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi 


    हमारे देश में स्त्रीओ की संख्या बहोत ही कम है और यहाँ पर स्त्री केवल पुरुष की हाथ की कटपुतली हो वैसे रहना पड़ता है। आजकल लोको की सोच विचार ऐसे बदल गए है की रोज रोज हमें टीवी और समाचार पत्रों पर कन्या भ्रूण हत्या और स्त्री शोषण के मामले देखने को मिलते है । कुछ साल पहले सभी जाती में से छोटी लड़कीओ की संख्या कम होने लगी थी। लोग गैरकानूनी निति से गर्भ में ही लिंग का पता लगाकर लड़कीओ को गर्भ में ही मार देते है और कुछ जगहों पर आज भी ये कुनीति जुडी हुई है 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध हिंदी

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi
Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

     उस समय कन्या भ्रूण हत्या बड़े ही पैमाने पर अपने पैर प्रसार रही थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की योजना समाज में लड़कीओ के महत्व् के बारे में लोगो को जागृत करने के लिए बनाई गई। यह योजना कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से ख़तम करने के लिए और लड़कीओ के जीवन को बचाने के लिए और समाज में सभी को यह जागृतता लाने के लिए तथा इस योजना में ये भी दर्शाया हाय है की बेटो के जन्म पर जीतनी  ख़ुशी होती है उतनी ही खुसी लड़की के जन्म पर भी होनी चाहिए और उनको उतनाही प्यार देना चाहिए जितना आप बेटे को देते है। लड़की को भी उसका अधिकार मिलना चाहिए जितने लड़को को मिलते है और उन्हें पढ़ना लिखना चाहिए। लड़किओंके प्रति लोगो को सकारात्मक विचार होने चाहिए नहीं की नकारात्मक। हमारे समाज में आज लड़कीओ के प्रति बड़ी ही क्रूर नजर से देखा जाता है तो हमें हमारी विचारधारा बदलनी पड़ेगी। 

     कुछ लोग लड़कीओ को परिवार का बोज समझते है। ये समझते है की लड़किया बड़ी होकर ससुराल चली जाएगी तो हमें उसे पढ़ा ने लिखाने का क्या फायदा और ये नौकरी भी करेगी तो उसके ससुराल वालो को पगार देंगी उस से हमारा क्या लाभ ये सब सोच कर बेटियों को पढ़ाया लिखाया नहीं जाता है। हमें ये सब विचरधारा को बदलकर बेटी को पढ़ाना होगा उन्हें भी शिक्षा प्राप्त करने का उतना ही अधिकार है जितना एक लड़के को है। हमें बेटियों को इन सब शोषण से बचाना होगा और इन्हे बचपन से ही इन सब से अवगत करना होगा ताकि वो आगे जाके कोई भी शोषण का शिकार न बने।

     यह योजनाओ का मुख्य उद्रेश्य शिक्षण के माध्यम से सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना है उन्हें ये समजाना है की वो भी लड़को की जगह ले सकती है वो भी कुछ बन सकती है और अपने फैसले खुद ले सकती है। उन्हें आत्मनिर्भय बनाना है। हमें हमारे कुछ कुरिवाजो को बंध करना होगा और कुछ रिवाजो में फेरफार करने होंगे। समाज के लोको को जागृत होना बहोत ही जरुरी बन चूका है। (Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi) हमें तकनिकी जाँच काराना बंध करना होना और इन सब से दूर ही रहना चाहिए जो भी लिंग जाँच कराएगा उसे जेल की सजा और जुरमाना भी भरना पड़ेगा। महिलाओ के साथ हो रहे इस अत्याचार को हमें रोकना होगा और दुसरो को भी यह प्रेरित करना होगा की ये सब गलत काम है और उन लोगो को जागृत होने में मदद करनी चाहिए। 

     सरकार ने योजना में कही निति नियम लगाए है इन्हे खास कर बेटी की सुरक्षा के बारे मे और बेटीओ के अस्तित्व को बचाने पर ज्यादा ध्यान दिया गया है बेटियो  को शिक्षा देने के साथ साथ बेटियों को अन्य क्षेत्रों आगे बढ़ने का और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना भी इस सब योजनाओ का लक्ष्य है। हमें साफ देखने को मिल रहा है की हमारे देश और समाज में लोगो की मानसिकता बहोत छोटी होती जा रही है उन सब लोगो का लड़कीओ को देखने के प्रति रवैया बड़ा ही ख़राब होता जा रहा है और देखे तो देखे पर वो पर वो ऐसा गलत कृत्य कर भी लेते है और उन्हें ये सब करके जरा सी भी शरम नहीं आती है और पछतावा भी नहीं होता है। ऐसे विचरधारको की वजह से ही लड़कीओ का बहार निकलना मुश्किल होता जा रहा है ऐसे विचारधाराक बेटे और बेटी के बिच में ज्यादा भेदभाव करते है 

उपसंहार (conclusion) :-

    आज के ज़माने में बेटिया बेटो से कोई कम नहीं है। आज सभी क्षेत्र में पुरुष से ज्यादा महिलाये देखने को मिलती है। वर्तमान समय में हमारे भारत सरकार की योजनाओ के कारण धीरे धीरे लोग जागृत हो रहे है और इस योजनाको ध्यान में रखते हुए बेटियों को पढ़ा लिखा रहे है उन्हें शिक्षित कर रहे हो और बेटियों को उसका अधिकार भी दे रहे है।सरकार ने भी लड़कियो की सुरक्षा के लिए कही सख्त कानून बनाये है जो सभी लोग सरकार के निति नियम को पालन करना सिख जाये तो वो दिन दूर नहीं जब लड़की और लड़का एक सामान हो जायेंगे ,कन्या भ्रूण हत्या ,बलात्कार और बेटियों का शोषण ये सब बंध हो जायेगा और हमारे देश की बेटिया सुक्षित और स्वतंत्र हो जाएगी। 

Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi 10 Lines 


  1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इस योजनाका बड़ा ही स्पष्ट प्रभाव पड़ा है। 
  2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इस अभियान की शरुआत हमारे भारत सरकार ने 100 करोड़ के बजेट से की है 
  3. ये योजना हमारे भारत के 31 जिल्लो में भी शुरू की गई है। 
  4. इस योजनाके चलते हुए सबसे कम बाल लिंगानुपात वाले 100 जिल्लो को कवर किया 
  5. हमारी सरकार ने 10 साल से नीची आयु की लड़कीओ के लिए कहते उपलब्ध कराये है 
  6. भारत सरकार ने तीन मंत्रालयों द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संयुक्त पहल है 
  7. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इस योजनाका मुख्य हेतु लड़कीयो को सुरक्षा सुनिश्चित करने का है। 
  8. इस योजना का यह हेतु भी है की बेटी को पढ़ना लिखा कर उसे शिक्षित करना भी है 
  9. यश योजना पानीपत हरियाणा से शुरू जिया गया था। 
  10. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को सम्मान के साथ उन्हें सशक्त बनाने का और उनके लिए नए अवसरों को बढ़ने का भारत सरकार का ये एक प्रयास है। 

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Tuesday, April 28, 2020

Nari Shakti Essay In Hindi For All Students (नारी शक्ति निबंध)
Nari Shakti Essay In Hindi Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use Essay On Nari Shakti In Hindi in their examination and speech. नारी शक्ति पर निबंध are included for children.

Nari Shakti Essay In Hindi - नारी शक्ति निबंध


        Nari Shakti Essay In Hindi हमारे भारत में नारी को देवी माना जाता है। नारी का सदा सम्मान होना चाहिए। हम इस शब्द से वाकिफ ही होंगे जो हमें आम तोर पर कही न कही पर अवश्य सुनने को मिलता है ' महिला सशक्तिकरण ' सशक्तिकरण का अर्थ ये है की  व्यक्ति अपने जीवन के फैसले खुद करे सभी चीजों के निर्णय स्वयं ले। इस निबंध का तात्पर्य यही है की एक नारी भी उसके जीवन के सभी फैसले खुद ले और अपने बल से जिंदगी में आगे बढे। हर एक स्त्री को सामाजिक कुरीतियों का सामना भी करना पड़ता हैं। नारी नारी एक साक्षात देवी  रूप है किन्तु आजके दौर में आजमी  एक स्त्री को भोग की वस्तु समझकर  अपने हसाब से इस्तेमाल करता है।  

नारी शक्ति पर निबंध

Essay On Nari Shakti In Hindi
Nari Shakti Essay In Hindi


      नारी यानि की स्त्री का का सबसे पवित्र रूप माँ के रूप में देखा जाता है। आज के दौर में नारी किसी भी पुरुष से कम नहीं। नारी अपने प्रति जो भी कर्तव्य है उनको अच्छी तरह से निभाती है और अपने परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। आजके दौर में एक स्त्री अपने व्यक्तिव से बहोत ही प्यार करती है उसके व्यक्तिव्य पर वो कभी आंच भी नहीं आने देती है।(नारी शक्ति निबंध) स्त्री किसी भी चुनौती का सामना दृढ़ कर कर सकती है। नारी समाज का एक महत्व्पूर्ण अंग है जिसके बिना इस समाज की कोई कल्पना भी नही की जा सकती है। नारी एक अंदर बहोत सारी सहनशीलता ,धैर्य ,प्रेम और ममता का भाव होता है और इन सभी भाव एक स्त्री में ही देखने को मिलते है ये सभी जो उसमे गुण है वो उसकी असली शक्ति है। 

     हमारे देश में कही ऐसी नारिया है जिन्होंने अपनी शक्ति से अपना नाम बढ़ाया है और ये सब हमारे समाज में एक उत्तम उदहारण है की स्त्री अबला नहीं सबला है। प्रचीनकाल में हमारे देश और समाज में रानी लक्मी बाई ,झांसी की रानी ,कल्पना चावला ,इंदिरा गाँधी इन सभी स्त्रीने समाज को बताया है की नारी अशक्त नहीं है वो भी पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती है। पूरी दुनिया में नारी सबसे शक्तिशाली मानी गई है। नारी से शक्तिशाली इस दुनिया में कोई नहीं। Nari Shakti Essay In Hindi

     शक्ति के बिना शिव भी अधूरे है। जब शक्ति शिव के साथ न हो तो शिव भी शव की तरह शून्य है।जब शिव के साथ शक्ति हो तो वो भी मिलकर शिवशक्ति हो जाते है। Essay On Nari Shakti In Hindi हर एक स्त्री शक्ति है और हर एक पुरुष शिव है। नारी एक वृक्ष की तरह है जो कोई भी परिस्थिति में तटस्थ खड़ा रहता है और पथिक को अपनी मीठी छाया देता है। हर एक नारी की कहानी होती है हर एक नारी में शहनशीलता ,धैर्य और कोमलता को पुरुष उसकी निर्बलता समाज लेता है और इस बात परसे स्त्री को अबला कहा गया बल्कि स्त्री अबला नहीं है बल्कि वो एक सबला है।

     स्वामी विवेकानंद जी भी कहते है की आज के इस युग में एक नारी किसी भी पुरुष से कम नहीं है। वो गर का सारा काम तो करती ही है परतु उसके साथ साथ वो अपने परिवार का भी ख्याल रखती है सबको टाइम पर खाना देना ,देखभाल करना ,बच्चो के अभ्यास में मदद करना उनकी जिद्द पूरी करना ,सबका मान सम्मान करना वगेरे काम एक स्त्री अकेली करती है। (नारी शक्ति निबंध) आज के समय  में एक स्त्री पुरुष  बराबरी में है आज स्त्री एक  गृहिणी तो है पर उसके साथ साथ वो पढ़ती लिखती है और अपने सपने भी पुरे करती है आपको सभी  कार्यालयों में स्त्री ज्यादातर देखने को मिलती है जैसे की स्कूलों में टीचर ,राजनीती ,कानून सभी जगहों पर उत्तिम स्तर पर महिलाये देखने को मिलती है। Essay On Nari Shakti In Hindi

      स्त्री एक रचनात्मक शक्ति है। हर मनुष्य का जीवन स्त्री के गर्भ में से ही शुरू होता है चाहे वो कोई राजा हो या रंक। हमरी परवरिस एक माँ यानि की स्त्री ही करती है। वह अपने कोमल हाथो से हमें खाना खिलाती है प्यार देती है इस दुनियामे आने की सही वजह सिखाती है। हमें मार्गदर्शन देती है कोई गलती करो तो डांट भी देती है क्युकी हम कभी दुबारा ऐसा गलत काम न करे और हंमेशा सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चले। हमारा ये अमूल्य जीवन एक नारी की देंन है। इस दुनिया में केवल एक माँ ही है जो हमें बिना कोई स्वार्थ के प्रेम देती है और देखभाल करती है। अब दुनिया की कोई दवा काम नहीं आती है तब माँ की ममता काम आती है क्युकी माँ की ममता से बुरे से बुरे कोई भी रोग हार जाते है. Nari Shakti Essay In Hindi

      जैसे मेने पहले भी कहा की हमें ये सब्द कही न कहि सुनने को मिलता है  ' ' महिला सशक्तिकरण ' तो इसके बारे में हम बात करेंगे। महिला शक्तिकरण को हम बहोत आम भाषा में या आम सब्द में परिभाषित किया जा सकता है जो बोलने पर ही पता चलता है ' सशक्तिकरण ' यानि की स्वयं के लिए शक्तिशाली बनना। माहिला सशक्तिकरण हमारे सरकार द्वारा आयोजित किया अभियान है की जिससे महिलाये शक्तिशाली बनती है,हर समस्या का डट कर सामना कर सकती है। इस अभियान द्वारा स्त्रीओ को सभी प्रकार की मदद मिलती है और महिलाये अपने जीवन से जुड़े हर फैसले खुद ले सकती है बिना डरे। परिवार और समाज में बिना डरे अच्छे से रह सकती है। नारी शक्ति निबंध

Essay On Nari Shakti In Hindi

Essay On Nari Shakti In Hindi
Essay On Nari Shakti In Hindi

       ज्यादातर देखा जाता है की पुरुष को सभी चीजों में ज्यादा अधिकार दिया जाता है इसीलिए बात बात पर एक महिला को अबला कहा जा रहा है और इन सब को हटाने के लिए ही ये अभियान शुरू किया गया है जिससे समाज की हर एक स्त्री का वास्तविक अधिकार प्राप्त करा सके उन्हें सक्षम बना सके। इसमें ऐसी ताकत है की वह समाज ,देश और पुरे देश विश्व को बदल सकती है। हर मानना कोई गलत नहीं है की एक जब फैसला करने बैठती है तब उसका पलड़ा न्याय के तरफ ही जुकता है वो हंमेशा सही फैसला ही करती है। एक स्त्री बड़े से बड़े फैसले पुरुष से भी बेहतर तरिजेसे ले सकती है और निपटा भी सकती है। महिलाओ को अपना हक़ मिले , वो बिना डरे जी सके और उनमे विकास हो इसलिये हमारे भारत सरकार द्वारा यही योजनाए शुरू की है। Essay On Nari Shakti In Hindi

सभी नारी के लिए शुरू किये गए अधिकार :

१. कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार :
२. संपत्ति पर अधिकार 
३. समान वेतन का अधिकार 
४. गरिमा और शालीमाता के खिलाफ अधिकार 

        एक स्त्री किसी देवी से कम नहीं है वे एक औलोकिक है। एक स्त्री लगातार काम करती रहती है वे अक्सर एक ही दिन में कही घंटो तक बिना रुके और थके काम करती रहती है जैसे की बच्चो को उठाकर तैयार करके स्कूल भेजना ,पति का टिफिन ,घर की साफ-सफाई ,खाना पकाना ,सास ससुर की सेवा करना , घर के काम के साथ साथ जॉब करना और इन सब के साथ साथ वो कितने रिश्ते निभाती है एक बेटी का रिस्ता , बहन का रिस्ता ,माँ का रिस्ता ,पत्नी का रिस्ता ,दोस्त ,सलाहकार सभी की भूमिका अच्छे से निभाती है इन सभी की वजह से उसको शक्ति का रूप दिया गया है 

उपसंहार :- 
     
      आज के समय में स्त्री पुरुषो से कम नहीं है। स्त्री आज पुरुषो से कन्धा मिला कर चल रही है।  चाहे वह नौकरी हो या फिर घर संभालना।  अपने कर्तव्यों का अपने परिवार के प्रति पालन करती है। नारी सकती  कुदरत द्वारा मिली हुई अनमोल सकती है। 

#हिंदीनिबंध 
Essay On Independence Day In Hindi
The Newspaper Essay In Hindi
Computer Essay In Hindi

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Monday, April 27, 2020

DNA Kya Hai? - डीएनए का कार्य , फुल फॉर्म , तथ्य और खोजकर्ता के बारेमे सम्पूर्ण जानकारी
     क्या आपको पता है DNA क्या है?  और DNA का टेस्ट कहा पर होता है। DNA मानव के शरीर के सबसे अनमोल अणु मना जाता है।  वैज्ञानिको के द्वारा हर रोज एक नयी खोज की जाती है उसमे साबित हुआ है की DNA मानवीय जीवन में उसकी अनमोल तत्व है। डीएनए की वजह से कोई दो व्यक्ति की पारिवारिकता को जाना जा सकटा है जिसे हम आगे पढ़ेंगे।

    वैज्ञानिको के ज़माने के इसी डोर में डीएनए पर से काफी कुछ पता लगाया जा सकता है जैसे की बच्चो की उम्र क्या है।  वो बिमार है तो उसके बीमारी का पता लगा सकते है। अगर आप जानते है DNA का मतलब क्या है? तो DNA Ka Full Form Kya Hai  यह जानना पड़ेगा।

DNA Kya Hai?
DNA Kya Hai?

     आपको DNA के बारेमे जानकर काफी हैरानी होगी क्युकी आपको यह सब बाटे रोचक लग सकती है और DNA सबसे ज्यादा मानवीय सरीर में बाल और त्वचा पर दिखे जाते है।  क्या आपको पेट है DNA होता क्या है ? डीएनए की वजह से किसी माविय सरीर का पता लगाया जा सकता है।  अगर आपका डीएनए टेस्ट हुआ है तो वह रिपोर्ट आपको १०० लोगोंमेसे भी अलग होगी और पता चल जायेगा की यह आपका रिपोर्ट है।  यहाँ एक कुदरत का करिश्मा भी है की सभी मानव के DNA अलग अलग होता है अगर वह एक ही फॅमिली से है तो ही उनका DNA मिलता है। DNA के बारेमे आप हमेशा पता लगा रहे होंगे चाहे आप स्कूल में हो या कॉलेज में आपको यह बात तो जरूर दिमाग में आईओ होगी की DNA किस्मे होता है।  डीएनए हमारी त्वचा और बल पर पाया जाने वाला तत्व है , जो कभी ख़त्म नहीं होता है।


DNA Kya Hai? - डीएनए क्या है ?


         डीएनए क्या है :- डीएनए एक अनमोल तत्व है जिसे मानव सरीर , पशुओ , बेक्टेरिया और अन्य कई जीवो में पाया जाता है।  वैज्ञानिको को द्वारा DNA सरीर का बेहत ही न दिखने वाला अणु है जिससे व्यक्ति के पारिवारिक सबंध पता लगा सकते है।  जैसे की माता पिता , बहन भाई का पता लगाया जा सकता है।  DNA के अंदर जेनेटिक गुण है जिसे आपको दुसरो बहार के व्यक्ति से अलग दर्शाया जाता है। डीएनए हरेक जिव के कोशिका में पाया जाता है जिससे वपो प्रोटीन ले सकता है , जैसे की आपको बताऊ की एक फॅमिली के अंदर माता पिता का बीटा कुछ हद तक उन्ही के जैसा दिखा है।  और उन्ही की तरह हावभाव पर चलता है। किसी इंसान का और पसु का डीएनए उनके माँ बाप के DNA मिश्रण से बनता है।

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       DNA एक अणु है जिसे हम बहुत ही महत्व देते है , सरीर के अंदर वो कोशिका औ में शामिल होता है जो की आपको दूसरे मानवी से अलग दर्शाता है।  कोई भी क़ानूनी कार्यवाही या कोई भी जरुरी टेस्ट पर हम कोनसे परिवार से है और हमारे माता पिता कोण है यह योग्य रूप से दर्शाता है जिसे हम DNA कहते है वह हमारे और हमारे परिवार के बारेमे कोई भी छोटी से छोटी बात को पता लगा सकता है।  एक  DNA काफी उपयोगी अनु तत्व माना जाता है।

DNA Full Form


   आपको डीएनए के बारेमे काफी जानकारी मेने दी है लेकिन DNA एक छोटा सब्द है लेकिन DNA Full Form कुछ अलग दर्शाया जाता है। जो आपको निचे दिखेगा

DEOXYRIBONUCLEIC ACID

DEOXYRIBONUCLEIC ACID IN HINDI


        DEOXYRIBONUCLEIC ACID एक प्रकार से मानवियत तत्व और अनु मन जाता है जिसे वैज्ञानिको के द्वारा बहुत ही महत्त्व दिया जाता है। जैसी की किसी भी पारिवारिक सबंध का पता लगाया जा सकता है इससे इसे टंक स्वरूप में DNA कहा जाता है।  यह पूरी पोस्ट DNA की जानकारी पर लिखी गयी है।


DNA Ki Khoj Kisne Ki Aur Kab


     डीएनए की खोज सं 1953 में हुए थी। स 1953 में James Watson और Francis Crick ने की थी लेकिन कुछ ऐसे पुराणों से पता चलता है की DNA की खोज इससे पहले हो चुकी थी।


DNA का कार्य क्या है ?


     DNA को सरीर में ससे महत्व पूर्ण बताया गया हे इसी दोतरण DNA Ka Kary Kya Hota Hai , DNA  एक माविय सरीर का नमोल तत्व मन जाता है इसी के भीतर वो हमारे कोशिकाऔ में शामिल मिल होता।  और हमें प्रोटीन बनाए में मदद करता है।  यह तत्व हमारे सरीर के जिनेटिक तत्व है।

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DNA के प्रकार


      DNA के प्रकार का वर्णन कीजिए में आपको पता है DNA एक जेनेटिक तत्व है। यह यूनिक और सबसे अलग मन जाने वाला तत्व है।  जिसके ४ प्रकार है , DNA के ४ प्रकार हे जिसे निचे दर्शाया गया है।

  1. Adenine
  2. Cytosine
  3. Guanine और
  4. Thymine


इसी बेस के द्वारा वह सक्रेन होता है और Ginetik का उद्भव होता है। नटराजन अनु dna की संरचना बनाते है।


DNA Facts In Hindi - तथ्य 


     DNA नाम से आपको बहुत ही अजीब लगता है लेकिन यह आपको बहुत ही उपयोगी पार्ट में आता है जैसे की आपकी परीक्षा का सवाल ही DNA होता है।


  • DNA के परिक्सन में मूत्र ,बाल और खून का उपयोग किया जाता है।
  • प्रत्येक रूप में हरेक मानवी के अंदर १००० की मात्रा में DNA नस्ट होते है और नए बनते है।
  • मनुष्य  DNA और चिम्पांजी का DNA की संरचना सामान होती है।
  • सूरज की किरणों DNA को नस्ट करता है।
  • पुरे वर्ल्ड का इंटरनेट डाटा और chache सिर्फ २ ग्राम डीएनए में समां सकता है। 
  • सभी मानवीय का डीएनए 99 प्रतिसत सामान होता है और १ प्रतिसत ही मानवीय के गम होते है। 


Frequently Asked Questions For DNA हिंदी 


What is DNA short answer? 
(डीएनए संक्षिप्त उत्तर क्या है?)

Ans:- DNA मानव के शरीर के सबसे अनमोल अणु मना जाता है। डीएनए की वजह से कोई दो व्यक्ति की पारिवारिकता को जाना जा सकटा है। 

What is DNA explain?
(डीएनए क्या है?)

Ans:- डीएनए एक अनमोल अनु तत्व है जिसे मानव सरीर , पशुओ , बेक्टेरिया और अन्य कई जीवो में पाया जाता है।  वैज्ञानिको को द्वारा DNA सरीर का बेहत ही न दिखने वाला अणु है जिससे व्यक्ति के पारिवारिक और आंतरिक सबंध पता लगा सकते है।

What is DNA made of?
(DNA किससे बना होता है?)

Ans:- DNA एक अणु है जिसे हम बहुत ही महत्व देते है , सरीर के अंदर वो कोशिका औ में शामिल होता है

What is DNA summary?
(डीएनए सारांश क्या है?)

Ans:- डीएनए का सारांश Dna Kya hai में बताया गया है। 

        डीएनए एक तरफ से बहुत गन्दा लगने वाला लेकिन डीएनए से मानवीय की सारि बाटे को पता लगाया जा सकता है। सबका डीएनए एक जैसा होता है लेकिन कुछ प्रतिसत अलग होता है इसीलिए आप जिसका डीएनए है उस आदमी का आसानीसे पता लगा सकते है। 


Saturday, April 25, 2020

Essay On Independence Day In Hindi For All Students
Essay On Independence Day In Hindi Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use Independence Day Essay In Hindi in their examination and speech. स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 10 lines are included for children.

     15 अगस्त 1947 भारत की स्वतंत्रता का ऐतिहासिक दिन था।  इस दिन को भारत में एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है। भारत की स्वतंत्रता के लिए भारत के सैनिकोंने अपनी जान देव पर लगाकर इस स्वतंत्रता को हासिल किया था।  सबसे पहले देश को आजादीके बाद प्रधानमंत्री का चुनाव किया गया और पडिंत जवाहरलाल नहेरु को देश का सौप्रथम प्रधानमंत्री घोषित किया गया। देश की राजधानी नई दिल्ली पर नहेरुजीने अपना राष्ट्रध्वज  फरकाया और तब से आज तक सभी जगहों पर इस दिन राष्ट्रध्वज फरकाया जाता है।  और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। 


Essay On Independence Day In Hindi (स्वतंत्रता दिवस पर निबंध)


    आज की इस पोस्ट में Independence Day पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।  गाँधी जयंती , रिपब्लिक डे और Independence Day को भारतीय पर्व की तरह मनाया जाता है।  Independence Day भारत का अत्यत महत्वपूर्ण दिन है। छोटे से क्लास से लेकर बड़े बच्चो को भी इस दिन की जानकारी होनी चाहिए।  इस लेख में आपको Independence Day Essay In Hindi को विस्तार पूर्वक लिखा गया है। 


Essay On Independence Day In Hindi - स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
Essay On Independence Day In Hindi - स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

प्रस्तावना :-

   ब्रिटिश सर्कार की 200 साल से भारत देश गुलामी कर रहा था।  इस गुलामी से 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली इसी ख़ुशी में Independence Day को भारत में पर्व की तरह मनाया जाता है। हमारे सेनानियोने अपनी जान डाव पर लगाकर इस भारत देश की स्वतंत्रता को हासील किया है।(स्वतंत्रता दिवस पर निबंध) आज हम स्वतन्त्र भारत में जी रहे रहे है मौज मस्ती कर रहे है अपना जीवन शांतिपूर्वक चल रहा है।  नजाने कितनो लोगो ने अपना परिवार खोया और सब कुछ न्योछावर कर कर हमारे भारत देश को आजाद करवाया। इस स्वतंत्रता का मूल्य जो भी लोग समझते है वह सब इन शहीदों के लिए इस दिन प्राथना करते है। 

    भारत के स्कुल, कॉलेज , बड़ी बड़ी सरकारी सस्था और कार्यालय में सभी काम बंध रहते है और Independence Day के लिए कार्यक्रम आयोजित करते है। और भारत का मुख्य समारोह नई दिल्ली लाल किल्ले पर आयोजित किया जाता है। और टीवी द्वारा पुरे भारत देश में दिखाया जाता है। 

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास:-

     भारत का यह इतिहास वर्षो पुराण है इसमें कई सदिया निकल गयी।  भारत पर कई देशवाशिया हमले करते थे और भारत की संस्कृति पर ठेस पहुंचते थे। कई विदेशी लोग भारत पर आक्रमण करके उस हिस्से को अपने वश में करलेते थे और वह पर रहने वालो को गुलामी करवाते थे।  यह सिलसिला लगभग मुगलो राजाओ के पहले से चलता आ रहा है। 18 मि सदी के बाद भारत पर ब्रिटिश अंग्रेजी लोगो ने हक़ जताया और भारत को गुलाम बनाया था। इस सदी में आधे से भी ज्यादा भारत देश गुलामी कर रहा था। Essay On Independence Day In Hindi 

     अपने ही देश में गुलामी का जीवन बिता रहा था भारत देश।  अनाज, धन और जमीने होने के बाद भी उन पर कोई अधिकार नहीं कर सकता था। तब कई क्रांतिकारियों ने इस गुलामी से छुटकारा लेने का फैसला किया और सब एक जूथ हो गए। इनमे से चद्र सेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोज , भगत सिंह यह सब क्रांतिकारी की मिशाल बन गए।  इन्होने देश के लिए अपना प्राण त्याग दिया। जब भी कोई भारतवाशी आवाज उठाते थे तब अंग्रेजी ब्रिटिश सर्कार उनकी आवाज दबाने के लिए कई हत्या भी करते थे और नुस्के अपनाते थे।  हत्या और अत्याचार का उदहारण जलियावाला बांग है।  लेकिन महात्मा गाँधी और पंडित जवाहर लाल नहेरु ने अहीशा के रस्ते पर चलकर कई बार जेल भी गए और अग्रेजो का अत्याचार और लाठिया भी सही लेकिन हर न मानते हुए 15 अगस्त 1947 में अपने देश में रहने वाले सभी अंग्रजी और ब्रिटिश प्रजा को मार भगाया। बहोत से सत्याग्रह और आंदोलन किये गए और देश को आजादी दिलाने वाले इन सभी क्रांतिकारियों को दिल से श्रद्धांजलि इस दिन को दी जाती है। 

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सौप्रथम झंडा फरकया  15 अगस्त:-

     भारत देश में सो प्रथम पंडित जवाहरलाल नहेरुने भारत की राजधानी नई दिल्ली के लाल किल्ले पर झंडा फरकया।  तब से आज तक और आने वाले कई दिनों में इसी दिन को ध्वज को फरकया जाता है और धवज वंदन किया जाता है। 

स्वतन्त्रता दिवस का कार्यक्रम:- 

    200 साल की कड़ी गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन को भारत का स्वर्णिम दिवस कहा जाता है।  इस दिन सभी स्कूलों कॉलेज और सरकारी सस्था पर ध्वज फरकने का और सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाता है।  कार्यक्रम में सबसे पहले परेड करवाई जाती है। जैसे ही परेड खत्म होती है मैदान में राष्ट्रध्वज फरकया जाता है और उपस्तित सभी लोगो द्वारा खड़े होकर ध्वज वंदन किया जाता है।  इस कार्यक्रम में सभी एक जूथ होकर राष्ट्रगान करते है। सभी सथाओ में ध्वज को रखा जाता है।  इस दिन छुट्टी होती है लेकिन सब इस कार्यक्रम में अपना योगदान देते है और भारतदेश के वासी होने का ऋण अदा करते है। ध्वजवंदन के बाद छोटे बच्चे संगीत कार्यक्रम करते है और इस्नमेँ से जितने वाले को सम्मानित करके पुरस्कार भी दिया जाता है। उसके बाद जो भी यह कार्यक्रम आयोजित करते है उनके द्वारा मिठाई और बच्चो के लिए चॉकलेट बाटी जाती है। Essay On Independence Day In Hindi 

     सबसे ज्यादा  स्कुल और कॉलेज में यह दिन सबसे ज्यादा मनाया जाता है।  इसमें स्कुल के हि नहीं आसपास के सभी लोग इस दिन के कार्यक्रम में आते है और ध्वजवंदन करते है।  इस दिन कोई भी रोकटोक नहीं होती है जो भी आना चाहे इस कार्यक्रम में आ सकता है। यह दिन जात पात और धर्म के आधार पर नहीं है। सभी धर्म और जाती के लोग भारत देश बनाते  है इसीलिए सभी इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी आंख बंध करके शहीदों के लिए प्राथना करते है। स्वतंत्रता दिवस पर निबंध


स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

Essay On Independence Day In Hindi - स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
Essay On Independence Day In Hindi - स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

उपसंहार:-

     हमारे देश के विरो का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए इसे हमें सिख मिलती है की कोई भी नै प्रजा को भारत में व्यापार करने के लिए नौमती नहीं दी जाये।  और कालाबाजारी , गुशण खोरी , आतंकवादी हमले न हो इसीलिये सब को एक जूथ रहना है। (Essay On Independence Day In Hindi ) आज हम अनादमय जीवन बिता रहे है उसका फल भारतीय क्रांतिकारियों पर जाता है।  एक जूथ होकर रहे और देश को प्रगति की और ले जाये। 



Independence Day Essay In Hindi 500 Words - Swatantrata Diwas Par Nibandh 500 सब्द 



प्रस्तावना :- 

   15 अगस्त 1947 भारत का स्वर्णिम दिवस भी कहा जाता है।  इसी दिन भारत को 200 साल की गुलामी के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।  इसे बड़ी ख़ुशी दिन कोई और नहीं हो सकता।  इस दिन को भारत की जनता त्यौहार की तरह मनाती है। Independence Day Essay In Hindi 500 Words

स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास:-

    देश पर विदेशियों द्वारा हमले होते थे और वह भारत की कई चीजवस्तु और सामग्री ले जाते थे।  18 मि सदी में जब ब्रिटिश अंग्रेजी सरकार भारत में आयी तब उन्होंने भारतवाशियों को गुलाम बनाया और भारत में रहकर धन और सांस्कृतिक सामग्री अपने देश में ले जाने लगे। भारत के वासियो अपने देश में ही गुलामी का जीवन बिता रहे थे। धन, जमीन और अनाज होने के बाद भी उनपर कोई अधिकार नहीं जता सकता था।  जो भी अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाता उसपर ब्रिटिश लोग अत्याचार करते थे।  उनका जानामाना उदाहरन जलियावाला बांग है। 

    हमारे देश मेसे कई ऐसी चीजवस्तु वह अपने देश में ले गए जिसकी कीमत करोडो में थी।  कोहिनूर का वह हिरा अंग्रेजी सरकार चुरा कर ले गए आज भी वह कोहिनूर उनकी रानी के मुकट में हे। लेकिन हमारी भारतीय संस्कृति लुप्त नहीं हो सकती क्युकी यहाँ पर हिरे , रत्न और मोती देवी देवताओ द्वारा प्राप्त हुए थे।  आज भी भारतीय अतिथि को देवी देवताओ की तरह पूजते है और उनका आगमन करते है। आज भी अंग्रेज भारत आते है लेकिन सिर्फ प्रवास और पर्यटन के लिए उन्हें यहाँ का स्थायी नागरिक का कोई अधिकार नहीं दिया जाता। स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

भारतीय सेनानीयो का योगदान :-

     भारत में अंग्रेजोने अपना ज्यादा हक़ जताया तब तक कोई भी आवाज नहीं उठाया लेकिन कुछ बहादुर लोगोने एक जूथ होकर उनसे लड़ने का फैसला किया , महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नहेरु ने कई लोगो में जागृतता पैदा की और देश को आजाद करने के लिए प्रेरित किया।  चंद्रशेखर आजाद  , लाला लाजपतराय , सरदार वल्लभभाई पटेल , सुभाषचंद्र बोज यह सब क्रांतिकारियों ने अपनी आंखरी साँस तक भारत की आजादी के लिए लड़ाई की है। महात्मा गाँधी का सबसे अमूल्य योगदान भारतको आजाद करने में है। (Swatantrata diwas par nibandh) सबसे लोकप्रिय थे महात्मा गाँधी। उन्होंने अहिंसा के रस्ते पर चलके ब्रिटिश सर्कार का जुल्म और लाठी भी सही लेकिन देश को आजादी दिलाई। 

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स्वतत्रता दिवस का कार्यक्रम:-

     इस दिन को सभी स्कुल कॉलेज और सरकारी, धार्मिक जगहों पर कार्य बांध रखा जाता है और 15 अगस्त 1947 को त्यौहार के रूप से मनाया जाता है। सबसे पहले कार्यक्रम की सरुआत में गांव के सरपंच या सहर के मुक्यमंत्री या इनसे जुड़े खास व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है। (Independence Day Essay In Hindi 500 Words)और पहल परेड करवाने से होती है।  परेड भारतीय सेनानियों का प्रतिक है। उसक बाद खास व्यक्ति द्वारा ध्वज को फरकया जाता है और सभी लोग एक साथ ध्वज वंदन करते है और राष्ट्रगीत गाते है।  और बादमे कुछ संगीत कार्यक्रम के साथ इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया जाता है। 

निष्कर्ष:- 

     भारत के सहीदो को यद् किया जाता है।  कोई भी जाती और धर्म में न झगड़कर सब एक जूथ मिलकर रहेंगे ऐसा फैसला करना चाहिए।  सभी धर्म एक और सभी धर्म से भारत देश बनता है।  बहार के अंग्रेजियो को भारत में व्यापर के लिए नहीं घुसने देना चाहिए और देश को प्रगति की तरफ ले जाना चाहिए। 


Short Essay On Independence Day In Hindi


     महात्मा गाँधी और उनके साथ हजारो क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी दिलाई थी।  इस दिन को भारत में पर्व की तरह मनाया जाता है और इसे स्वर्णिम दिवस भी कहा जाता है। हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

    200 साल भारत ने अंग्रेजी ब्रिटिश प्रजा की गुलामी की , लेकिन महात्मा गाँधी , पंडित जवाहर लाल , सुभष चंद्र बोज , लाला लाजपत राय , भगत सिंह जैसे होनहार क्रांतिकारियों की वजह से आज देश आजाद है। कई आंदोलन और सत्याग्रह महात्मा गाँधी और उनके साथ इन सब क्रांतिकारियों ने मिलकर किये। उसमे अंग्रेजो से कई अत्याचार और लाठिया  भी सही लेकिंन पीछे नहीं हटे और देखते ही देखते सभी अंग्रेजी प्रजा को निकल फेका और देश को स्वतंत्रता दिलाई। Short Essay On Independence Day In Hindi

     इस दिन को राष्ट्रीय  गान के साथ ध्वज फरकाया जाता है।  राष्ट्रीय और देश के प्रधामंत्री द्वारा १५ अगस्त को देश की राजधानी नई दिल्ली के लाल किल्ले पर राष्ट्रध्वज किया जाता है।  सभी इस राष्ट्रध्वज को देखने समाचार का इंतजार भी करते है। कई लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जाते है। इस दिन का वातावरण भी देशभक्ति जैसा रहता है।  स्कुल कॉलेजों में ध्वजवंदन का कार्यक्रम होता है। परेडी करवाई जाती है और उसके बाद ध्वज वंदन राष्ट्रीय गीत के साथ होता है। 

     इस स्वतत्राता दिवस को उमग के साथ मनाया जाता है।  बड़ी उम्र वाले नेताओ की भाषण का इंतजार करते है।  बच्चे और युवान स्कुल और कॉलेजों में जाकर इस ध्वजवंदन के कार्यक्रम में जुड़ जाते है। महात्मा गाँधी के अहिंसा के आंदोलन से कई कठिनाई के बाद भारत देश को आजादी की साँस मिली। उन्होंने कई कुपरपरा को देश से निकाल दिया और एक स्वर्णिम भारत बनाया। देश में बढ़ रही क्रुप्रथाओ को गांधीजीने निकाल दिया। कुछ आंदोलन और सत्याग्रह द्वारा आवाज उठाई तब अंग्रेजो द्वारा लाठी पड़ने लगी और इस लाठी चार्ज में लाला लाजपतराय की मूत्रयु हो गयी।  आवेश में आकर सांडर्स की हत्या भगतसिंग और सुखदेव ने करदी और इस की वजह से उनको फांसी हो गयी। आजादी की लड़ाई में कई क्रांतिकारियों शहीद हो गए उनके लिए हमें प्राथना करनी चाहिए। 

निष्कर्ष :-  कोई भी दूसरी प्रजा को भारत में वेपार के माध्यम से नहीं आने देना चाहिए। (Essay On Independence Day In Hindi)  पिछले वर्षो को ध्यान में रखते हुए कोई भी दूसरे देशवासियो को भारत की नागरिकता नहीं देनी चाहिए और जाती धर्म के खिलाफ न होकर सभी एकजुट होकर रहना चाहिए। 


Independence Day Essay In Hindi 10 lines



  • 15 अगस्त 1947 को भारत को गुलामी से स्वतंत्रता मिली थी उसकी ख़ुशी में इस दिन को त्यौहार की तरह मनाया जाता है। 
  • इस दिन प्रधानमत्री द्वारा लाल किल्ले पर ध्वज फरकया जाता है और ध्वज वंदन किया जाता है। 
  • देश को आजादी दिलाने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देकर याद किया जाता है। 
  • भारत के आलावा और भी तीन देश १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मानते है। 
  • सभी सरकारी कार्यालय में अवकाश होता है। Independence Day Essay In Hindi 10 lines
  • स्कुल कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में दवज वंदन का कार्यक्रम किया जाता है। 
  • देश की सभी मिलेट्री और देश की रक्षा करने वाली सेनाओ द्वारा परेड की जाती है। 
  • इस दिन सभी जाती और धर्म के लोग एक होकर इस दिन को मानाते है। 
  • यह दिन सब को एकजुट रहकर रहने का सन्देश देता है। 
  • कार्तिकारियो और शहीदों के लिए प्राथना की जाती है। 

Frequently Asked Questions For Independence Day


What is Independence Day and why do we celebrate it?
(स्वतंत्रता दिवस क्या है और हम इसे क्यों मनाते हैं?)
Ans:- इसी दिन भारत को 200 साल की गुलामी के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी इसलिए इसे स्वतंत्रता दिवस कहा जाता है।  इसे बड़ी ख़ुशी दिन कोई और नहीं हो सकता।  इस दिन को भारत की जनता त्यौहार की तरह मनाती है। 

How do we get independence day?
(हमें स्वतंत्रता दिवस कैसे मिली है?)
Ans:- कई आंदोलन और सत्याग्रह महात्मा गाँधी और उनके साथ इन सब क्रांतिकारियों ने मिलकर किये। उसमे अंग्रेजो से कई अत्याचार और लाठिया  भी सही लेकिंन पीछे नहीं हटे और देखते ही देखते सभी अंग्रेजी प्रजा को निकल फेका और देश को स्वतंत्रता दिलाई।

What is the importance of independence?
(स्वतंत्रता का महत्व क्या है?)
Ans:- जब अंग्रेजी लोग भारत पर राज कर रहेथे तब वह जमींन, धन को भारतीय का अधिकार नहीं होने देते थे।  लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारतीय कही भी कोई बन्हि व्यापार और नौकरी कर सकते हे।  अपना भविष्य बना सकते है।  जमींन वाले खेतीवाड़ी कर सकते है। 

What is the history of Independence Day?
(स्वतंत्रता दिवस का इतिहास क्या है?)
Ans:- 18 मि सदी में जब ब्रिटिश अंग्रेजी सरकार भारत में आयी तब उन्होंने भारतवाशियों को गुलाम बनाया।अपने ही देश में गुलामी का जीवन बिता रहा था भारत देश।  अनाज, धन और जमीने होने के बाद भी उन पर कोई अधिकार नहीं कर सकता था।  महात्मा गाँधी के अहिंसा के आंदोलन से कई कठिनाई के बाद भारत देश को आजादी की साँस मिली। 

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Friday, April 24, 2020

About Mother Teresa Essay In English For Students 1 To 12
About Mother Teresa Essay In English Is written for all Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. All students can use Essay On Mother Teresa in their examination and speech. Mother Teresa Essay In English 10 lines are included for children.

About Mother Teresa Essay In English


    Love is the feeling of man that proves that man is different and good from other human beings. Love towards humanity is not kept in any religion and caste; Helluki love does not see religion and caste. Whoever has qualities like compassion, affection, and emotion, he spends his life serving all mankind. Mother Teresa was one of the only personalities to serve mankind in the entire world. He spent his life in the service of death. He is said to be the epitome of love, compassion, affection, and emotion, but there is nothing to blame.Mother Teresa Essay In English

Essay On Mother Teresa

Mother Teresa Essay In English
About Mother Teresa Essay In English


Birth of Mother Teresa:-
 
     Mother Teresa was born on 26 August 1910 in a small town of Skopje alt of Yogoswalia. His father was He's Cream and his name was Albanian.(About Mother Teresa Essay In English) His childhood name was Agnes Bohaziou. He had set the main objective of his life at the age of bar because his parents were religious minded.

How to become a nun:- 

    14 years when people make their lives in this year, in the year of 1 year, they decided to become nuns. To this he said that he joined the Loreto center of the Irish and became Naan. After some time he got an opportunity to come to India. Mother Teresa first became a teacher in the city of Calcutta in India in 1929 at Agres Laroto Attell. She served as a teacher. After becoming Mother Teresa, she became a professor after some time but her human service qualities were not satisfied and she was heard calling her to serve humanity. And he decided to leave the school and serve with poor children. In 1950, Mother Teresa established the Missionary of Charity on her own. As in every photo of her, you will find a white-edged blue border, which is why she started serving in the Missionaries of Charity with the goal of serving humanity.

     There was so much passion for serving human beings that even then they used to have only one and a half rupees, yet they used to spend the whole day searching for the poor and unclaimed children and sheltering these children in their charity. She used to live on Circular Road even today, she should be known as Mother Teresa around the world. In 1948, the first school was opened for children living in the slums of Calcutta. At the same time, he got the idea that the poor do not even have the money to get treatment. With this idea Nirmala Hriday Namak near Dharam temple established a Dharamshala with his Sahginio.(Mother Teresa Essay) From this Dharamshala she used to accompany her Sahaginio everywhere and served the poor on the road. In 16 min Satald he wrote his name in the famous Teresa from Saint Teresa. Established in 1952, Nirmal Hriday conducts 169 teaching centers, 1369 treatments, and 755 miracles in 120 countries.

     Mother Teresa was a compassionate sentiment. He spent his life in the picture and service of humanity. Within them, there was affection for the poor, the innocent, the living in the bare huts, the aged, and those who had no basis on their heads.(About Mother Teresa Essay In English) Disabled children and those who did not have Aadhaar managed and made them capable of serving the same children. He lived his life in the service of these poor people.

Death Of Mother Teresa:- 

     Mother Teresa was suffering from heart disease. With the help of pacemakers, his life was cutting like anything. In the year of 1997, he was shocked in September.

Last Word On Mother Teresa :- 

   Today, Mother Teresa is not a replica of humanity between us, but many of her organizations are also walking in their path. Their institution is still serving poor children and humanity. It proves that if you can do something for someone, then you should not back down and give to the poor and innocent people to live. It will not be a tribute to the great Mother Teresa.Essay On Mother Teresa 

Mother Teresa Essay In English 10 lines


Mother Teresa Essay In English 10 lines This essay has been written for young children who study in Class 1,2,3,4.

  • Mother teresa Since childhood, humanity was loving, compassionate and emotional.
  • Madhar Teresa decided to live her whole life religiously.
  • In 1929, she first arrived in the city of Kolkata, India and obtained citizenship of India.
  • hich is why she started serving in the Missionaries of Charity with the goal of serving humanity.
  • For the poor children of the slums, he built a school and a Nirmala Hriday Dharamshala for the treatment of the poor.
  • In 1962, he was awarded the Padma Shri by the Government of India.
  • Received the highest Indian citizen award in 1980.
  • 120 institutions are still serving the poor in the name of Mother Teresa.(About Mother Teresa Essay In English 10 Line)
  • In the last days she was suffering from heart disease.
  • He breathed his last in September 1997.
  • His service to the sick and poor people is still famous worldwide.

Frequently Asked Questions For Mother Teresa Essay


Is Mother Teresa a saint now?
Ans:- Mother teresa is observed on 5 September. Even after living and dying, his personality is taken into a humanistic and religious. He spent his life in the service of humanity.

What is Mother Teresa known for?
Ans:- Mother Teresa, having the same goal of her life, had decided to serve the human race at an early age. Coming to India, he served the poor children, the aged and the innocent victims, even today his name is the first among human lovers and servants.

What did Mother Teresa die of?
Ans:- Mother Teresa had heart disease at the last few hours. With the help of pacemakers, his life was cutting like anything. In the year of 1997, he was Die in September.

What was Mother Teresa worth?
Ans:- Mother Teresa worth is Up To 1 Million

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